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Friday, 2 March 2018

लइ अइह गवनवा डोली में आवा-आवा सजनवा होली मे, अखिया भइल लाल एक नींद सोवय द बलमुआ,जौनपुर में जो बेलवरिया गाई जाती हैं, उसका रस कुछ अलग ही होता हैं

जौनपुर। लोकदल पार्टी के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम दूबे (साहब) के नेवढिया थाना क्षेत्र के  नोकरा गांव स्थित आवास पर विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी होली मिलन सामारोह का आयोजन किया गया। राजन मिश्र द्वारा गुरु बंदना प्रस्तुत किया गया और अन्तिम सत्य के बोध से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। तत्पश्चात नेवढिया शीतला माई के सेवक भजन गायक  विनय कुमार सैनी माई की सुमिरिनी मे पचरा गीत पेशकर श्रोताओं को बाध दिया।फिर क्या फागुन को एहसास कराते हुए प्रकृति के मिलन की बेला का जिक्र करते हुए गायकी मे श्रृगांर रस मे बिरहन से पिय को मिलाते हुए गाते हैं।काहे खिसियाइल बाटू जान लेबू का हो,बोला हो सुगनी परान लेबू का हो। सोनरा क सगरी दुकान लेबू का हो। आगे की प्रस्तुति मे सैनी ने गाया कि अखियां भइल लाल, एक नींद सोवय द बलमुआ।चढत फगुनवा गवन लेइ अइहय। दूसरे गायक सुरेश तिवारी ने वीर रस और श्रृंगार रस के बोल से फगुनहट को पेरा और मदमस्त प्रकृति के यौवन की खुशबू से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। अब जिन जइहय विदेश फगुनवा में घरे चलि अइहय।विधि गति बलवान बाकी साथ में न कोई।। व्याकरणाचार्य ज्ञान प्रकाश दूबे ने कहां कि ब्रम्ह और शक्ति का मिलन ही फाल्गुन हैं। बसत ऋतु आते ही प्रकृति दुल्हन की तरह सजी सवरी दिखने लगती है।पेड पौधे ,बाग -बगीचे पशु- पंक्षी, नर और नारी सबमें कामोदीपक उदयमान होने लगता हैं।कहां कि जौनपुर मे जो बेलवरिया गाया जाता हैं, वह कहीं नहीं गाया जाता। फाल्गुन मे यह गीत गाया जाता हैं।ठंड का जाना।गर्मी का एहसास होना। प्रकृति के मेल का सूचक हैं।  पति पत्नी का वियोग- संयोग,मिलन की अभिलाषा फागुन के मर्म को दर्शाता हैं। रायसाहब मिश्र फाल्गुन को प्रकृति का मेल बता रहे हैं। आत्मा परमात्मा के वियोग में हैं।परमात्मा से मिलन की चाहत हैं। संयोग आता हैं जुडा़व हो जाता हैं।दिव्य आनंद की अनूभूति मे प्रकृति जीव चैतन्य होकर बंसत बहार मे हो जाता हैं। कार्यक्रम के आयोजक लोकदल के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम दुबे, साहब  आये हुए अतिथियों को अबीर,गुलाल लगाकर सम्मान किये और बोले कि  भारतीय परम्परा का त्योहार आपसी भाईचारे को बढ़ाता हैं।कटुता को दूर करता हैं।स्नेह के भाव को उत्पन्न करता हैं। रंगों का त्यौहार होली हैं।जो प्रकृति के रंगों से सना हैं। जिसमें तरह -तरह के रंग है और सबके अलग -अलग मायने हैं। होली मिलन समारोह की अध्यक्षता मुरलीधर दूबे ने किया।संचालन शैलेश दूबे ने किया। इस अवसर पर पत्रकार द्वय सोनू सिंह, राहुल सिंह के अलावा  इन्द्रबहादुर सिंह, सगीर खान सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। जेडी सिंह,हर हर महादेव

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