मड़ियाहू। जौनपुर। युवा नेता सात्विक तिवारी ने कहां कि सावन के महीने में काँवड़ में गंगा जल लाकर शिवजी पर चढ़ाने का विशेष महत्व होता है ।
उन्होंने कहां कि इस महीने में भक्त सैंकड़ो किलोमीटर का कठिन रास्ता पैदल चल कर भगवान भोलेनाथ का गंगाजल से अभिषेक करते हैं ।
रास्ते भर भक्त बम बम भोले और ” ॐ नमः शिवाय ” मंत्र का जाप करते रहते हैं ।
भक्तों में श्रद्धा और जोश तो देखते ही बनता है ।
उनके पैरों में छाले होते हैं और मुख पर भगवान शिव का नाम होता है ।
पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाते हैं ।
कहां कि तेज़ धूप और घनघोर वर्षा भी इनके कदमों को रोक नहीं पाती ।
जब भक्त मंदिर पर पहुंच कर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं, तो उनकी सारी पीड़ा और थकान दूर हो जाती है ।
उन्होंने कहां कि समुद्र मंथन के समय सबसे पहले विष समुद्र से प्रकट हुआ ।
उस विष की भयंकर गर्मी से सुर, असुर एवं सारा संसार त्राहिमाम करने लगा ।
सभी सुर, असुर देवताओं ने मिल कर भगवान शिव से प्रार्थना की ।
तब इस जगत के उद्धार के लिए भगवान शिव ने वह ज़हर पी लिया ।
उन्होंने इस विष को अपने कंठ में धारण किया। जिससे उनका गला नीला हो गया और वह नीलकण्ठ कहलाए ।
विष की गर्मी के कारण वह अपने ईष्ट देव प्रभु राम का नाम लेने लगे ।
उनके मुँह से “राम राम” के स्थान पर “बम बम” निकल रहा था। दरअसल विगत कई वर्षों से मड़ियांहू की विधायक डां लीना तिवारी के पुत्र सात्विक तिवारी सावन माह मे कांवड यात्रा के समय कावररियों की सेवा मे लगे रहते है। डाक बंगले के सामने कावरियों की सेवा मे भन्डारे का आयोजन करते.है। जिसमें भारी दादात मे कावरियां प्रसाद पाते है और फिर थोडा़ आराम कर कांवड लेकर शिवालयों की ओर.बढ. जाते है। सावन माह चल रहा है।प्रकृति की फुहार शीतलता प्रदान कर वातावरण मे व्याप्त बिष को धुल रही है।
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