मुबंई। थाणे मे आनंद चैरिटेबल टृस्ट द्वारा आयोजित मुंबई गौरव सम्मान मे उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जफराबाद विधानसभा क्षेत्र के मूलनिवासी प्रताप फाउंडेशन के चेयरमैन विक्रम प्रताप सिंह को समाज सेवक के रुप मे थाणे के शिवसेना के सांसद राजन विचारे,सांसद विनायक राउत व शैलेश मिश्र पुलिस अधीक्षक श्रीनगर कश्मीर ने स्मृति चिन्ह के रुप मे शक्ति की प्रतीक मा दुर्गा की प्रतिमा व अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया। दरअसल यह संस्था सर्व समाज के बेहतरी के लिए काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं से जुडे़ समाज सेवकों का चयन करती हैं और उन्हें सम्मानित कर राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती है।रामनवमी के अवसर पर मुंबई गौरव सम्मान से विक्रम प्रताप सिंह सहित दर्जनों उत्तर भारत के लोगों को सम्मानित किया गया। मुंबई गौरव.सम्मान से विभूषित प्रताप फाउंडेशन के चेयरमैन विक्रम प्रताप से सतगुरु दर्पण के संपादक जेडीसिंह ने विशेष बातचीत की और उनसे सवाल किया कि आप यूपी के है और महाराष्ट्र की धरती पर आपका सम्मान हो रहा है, आप कैसा महसूस कर रहे है तो उन्होंने कहां कि मैं पावन धरती को नमन करता हू। मानव की सेवा करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। उत्तर प्रदेश की धरती हो या महाराष्ट्र की धरती हो कर्म प्रधान देश मे कर्म की पूजा है। सम्मान है। श्री सिंह ने सम्मान करने वाले लोगों की महानता का सत्कार करते हुए कहां कि मनुष्य जीवन को एक अलग रोशनी देने के लिए प्रेरित करने वाले लोग महान है जो समाज को नई दिशा देने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहां मानव एक सामाजिक प्राणी है । माता-पिता, भाई-बहन, रिश्तेदारों आदि लोगों को मिलाकर ही इस समाज की रचना होती है । समाज के बिना मानव का पूर्ण रूप से विकास होना सम्भव ही नहीं है । इसलिए मानव को हर कदम कदम पर समाज की आवश्यकता होती है। समाज के लोगों के बीच ही हम अपने जीवन का अधिकतर समय व्यतित करतें है । हम जिस समाज में रहते हैं उन्हीं के बीच हम खाते हैं, पीते हैं, जीते हैं व रहते है । हमे निस्वार्थ भाव से समाज के लोगों की सेवा, मदद, हित करते रहना चाहिए। इससे पूरे राष्ट्र की व्यवस्था मे सुधार किया जा सकता है । उन्होंने कहां कि पड़ोसियों की सेवा करना भी समाज सेवा ही है । आज हमारे देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर है, अतः समाज की सेवा करना हर युवा का कर्तव्य है । समाज के सेवकों का यह कर्तव्य है कि वे सच्चे दिल से समाज की सेवा करें । सच्चे हृदय से की गयी समाज सेवा से ही इस देश व इस समाज का कल्याण हो सकता है।
उन्होंने कहां कि मानव होने के नाते जब तक हम एक-दूसरे के दुःख-दर्द में साथ नहीं निभाएँगे तब तक इस जीवन की सार्थकता सिद्ध नहीं होगी । वैसे तो हमारा परिवार भी समाज की ही एक इकाई है, किन्तु इतने तक ही सीमित रहने से सामाजिकता का उद्देश्य पूरा नहीं होता । हमारे जीवन का अर्थ तभी पूरा होगा जब हम समाज को ही परिवार माने । ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना को हम जितना अधिक से अधिक विस्तार देंगे, उतनी ही समाज में सुख-शांति और समृद्धि फैलेगी । मानव होने के नाते एक-दूसरे के काम आना भी हमारा प्रथम कर्तव्य है । हमें अपने सुख के साथ-साथ दुसरे के सुख का भी ध्यान रखना चाहिए । अगर हम सहनशीलता, संयम, धैर्य, सहानुभूति, और प्रेम को आत्मसात करना चाहें तो इसके लिए हमें संकीर्ण मनोवृत्तियों को छोड़ना होगा । धन, संपत्ति और वैभव का सदुपयोग तभी है जब उसके साथ-साथ दूसरे भी इसका लाभ उठा सकें । आत्मोन्नति के लिए ईश्वर प्रदत्त जो गुण सदैव हमारे मे रहता है वह है सेवाभाव, समाज सेवा । जब तक सेवाभाव को जीवन में पर्याप्त स्थान नहीं दिया जाएगा तब तक आत्मोन्नति का मार्ग प्रशस्त नहीं हो सकता । कहा भी गया है की भलाई करने से भलाई मिलती है और बुराई करने से बुराई मिलती है। नर सेवा नारायण सेवा का व्रत लेकर राष्ट्र को सही दिशा की ओर ले चलने का यत्न करे, सोच बदलेगा देश बदलेगा। जेडीसिंह सिंह संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर।हर हर महादेव
Wednesday, 28 March 2018
नर सेवा नारायण सेवा का व्रत लेकर राष्ट्र को सही दिशा की ओर ले चलने का यत्न करें, सोच बदलेगा, देश बदलेगा, प्रताप फाउंडेशन के चेयरमैन विक्रम प्रताप सिंह को शिवसेना के सांसद ने मुंबई गौरव सम्मान से विभूषित किया
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment