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Saturday, 25 March 2017

मनुष्य के लिए अहंकारी होना,घातक

मडियाहू।जौनपुर। इन्सान धरती का अनमोल प्राणी है।उसकी अहमियत है।रुतबा है।जलवा है।जनसेवक के रुप मे पूज्य है।जब तक वह भगवान के आश्रित है।उसका बेडा पार है। दाता एक राम भिखारी सारी दुनिया। किसी को कुछ प्राप्त होता है, तो वह उसका प्रारब्ध होता है। जब कुछ मिल जाय तो उस पर इतराना नहीं चाहिए। भारतीय व्यवस्था मे सरकारे बनती,बिगडती रहती है। जमाना बदलता है। असली सरकार प्रभु राम है,जो सबके दिलो पर राज कर रहे है। पद ,नाम शोहरत,जलवा,ज्यादे टिकाऊ नहीं होता है। न जाने कितने आये,चले गये।लेकिन राम भक्त हनुमान की आज भी  जय है। जब किसी को कोई नया पद मिलता है तो उसमें इतनी खुशी होती है कि वह खुद को सम्भाल नहीं पाता। अहंकार आ जाता है।मै यह हू। यही से उसका सामाजिक पतन शुरु हो जाता है।दीनता ,दया,परोपकार मनुष्य का श्रंगार है। तूफान आता है,जो वृक्ष मे लोच होता है,वह तो वच जाता है।जिसमें अकड़ रुपी अहंकार होता है।वह उखड कर दूर फेका जाता है।देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगो से विनम्र होने की बात करते है।विनम्रता से ही मनुष्य का विकास संभव है। सहजता ,सरलता जीवन मे जरूरी है। अहंकार से बचे। दास जगदीश सतगुरु धाम वर्राह 

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