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Tuesday, 21 February 2017

भारत देश मर्यादित है,विचारो की पवित्रता नितान्त जरुरी

जौनपुर। भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। किसी को कुछ कहने के पहले यह सोचना चाहिए,हम क्या बोल रहे है।जो बोल रहे है।उचित है,या अनुचित है।देश के प्रधानमंत्री को कुछ अनाप सनाप बोलना देश का अपमान है।राजनीति की भी  एक मर्यादा है।इस ढंग का बयान निन्दनीय है। जिसमें प्रधानमंत्री  या मुख्यमंत्री के लिए कुछ कहाँ जाय। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री सबके हैऔर सबके हित के लिए काम करते है। भारत की मर्यादा मे संस्कार है।बचनो की मृदुलता है।यदि कोई भी  किसी के लिए कुछ गलत सोचता है और कुछ गलत बोलता है तो यह बात समझ मे आती है।कहीं न कहीं से उसकी परवरिश ठीक से नहीं हुई है भारतीय परम्परा मे सोलह संस्कार की बात बताई गयी है। जिसमे जन्म से लेकर मृत्यु तक के संस्कार है। वर्तमान मे यू पी का मिजाज चुनावी है।सत्ता की भूख मे किसी का दिल दुखाना महापाप है।सदा ना रहा है,सदा ना रहेगा,जमाना किसी का नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का। ना जाने कितने आये चले गये। यह दुनिया आनी जानी है। मर्यादा हमारी संस्कृति है।विरासत है। सम्मान से जीने की आदत डाले। किसी को भला बुरा कहकर अपना करम न बिगाडे नहीं तो नरक मे भी  जगह नहीं मिलेगी।बडा अगत होगा। बडो का सम्मान करना छोटो को प्यार देना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। जे डी सिंह

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