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Monday, 3 April 2017

अयोध्या राम मन्दिर का हल कब तक निकलेगा जिन्दाराम जाने

काशी।बनारस। सत्यता दब नहीं सकती। छिप नहीं सकती।संसार है कौन चला रहा है। जिन्दा राम।यह लोगो के लिए कोतुहल का विषय है। जिन्दा राम है ,कौन इस पर भी  लोग सोचेगे।जरा विचार करे आप कौन है। अपने स्वरूप का चिन्तन करे। मंदिर मसजिद को बनाने वाला जिन्दाराम है। उसका नूर अल्लाह रुप मे दिख रहा है।वह पवित्र है। उसकी अपनी निराली शान है।हर पर मेहरबान है।संतो ने मंदिर मसजिद व जात पात मजहब धर्म के झगडो को सुलझाने का बहुत प्रयास किये। सूफी संतो ने प्रेम की मौज फेककर दुनिया को बदलने का काम शुरु कर दिया  है। मन्दिर ,मसजिद दोनो की अडंगेबाजी है। न्याय मन्दिर का पावन सुझाव है।बात चीत के जरिय मामला सुलझाने का प्रयास किया  जाय।अयोध्या मे राम मन्दिर बनने के लिए आपसी बातचीत तेजी से होना चाहिए। देश भर के हिन्दू मुस्लिम मन्दिर मुद्दे पर विचार करे और अपना अपना सौहार्द पूर्ण निर्णय भाव रंखे। मन्दिर ,मस्जिद का मूल्यांकन करे।इतिहास भूगोल को जाने। न्याय,अन्याय को देखे,रामलला तो अनादि काल से स्थापित है। सत्यता को जाँचने के बाद तुलसी दास ने कहाँ राजाराम चन्द्र की जय है।सत्य सत्य है। जिन्दाराम की कृपा होगी तो मन्दिर मसजिद का हल निकल जायेगा। जे डी सिंह सतगुरु धाम जौनपुर

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