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Thursday, 9 February 2017

मन का डोर गोविन्द के चरणो मे बाधने पर ही भलाई

जौनपुर। श्री राम जानकी मन्दिर नेवढिया बाजार, व्रम्हलीन साकेतवासी परमपूज्यपाद स्वामी रामनरेश दास जी महाराज के तृतीय पुण्य तिथि के अवसर  पर उनकी ही तपोभूमि पर विगत वर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्रीमद् भागवत गीता पाठ का आयोजन किया गया है।जिसमें वृन्दाबन से पधारी साध्वी सुमन किशोरी व्यास गद्दी पर सुशोभित होकर भगवत चर्चा कर रही है। उनका कहना है। मन का डोर गोविन्द के चरणो मे बाधने पर ही इन्सान की भलाई है। गुरु ही इस कडी से जोड सकता है। मनुष्य जीवन  उसका   सार्थक है। जिसने गुरू किया है। गुरुमुख है। अन्तरमुखी होकर घट मे विराजमान प्रभु को भज रहा है।निहार रहा है।पुलकित हो रहा है। दिव्यज्योति ,दिव्यअनूभूति से अपने लोक परलोक को सवार रहा है। साध्वी ने कहाँ कि पहले लोग हजारों  हज़ारों बरष तपस्या करते थे। उनके पास तपस्या के लिए समय था। आज समय नहीं है। बचपन बीता ,जवानी बीत गयी। हे हो मे बुढ़ापा आ गया। न जाने कब राम बुलावा आ गया। राम नाम सत्य हो गया। सास चल रही थी। जीवन था।सास रुक गयी जीवन थम गया। साध्वी ने कहाँ  संगत से गुण होत है संगत से गुण जाय। जैसी संगत होगी वैसी रंगत चढेगी। राम जी की कृपा से।उन्होनें कहाँ कि दिनचर्या बदल गयी है। सुवह लोग देर तक सोते है। रात मे देर तक जगते है।व्रम्हमूहूरत मे कम ही लोग उठते है। भगवान दर्शन की जगह कप दर्शन हो रहा है। श्री राम जानकी मन्दिर नेवढिया के महन्त घनश्याम दास जी महाराज ने बताया कि परमहंस रामनरेश दास जी महाराज के याद मे हर वर्ष श्री मद् भागवत गीता पाठ का आयोजन होता है। तिथि मुकर्रर है। सात फरवरी मंगलवार शोभायात्रा ,कलशयात्रा के साथ धूमधाम से कार्यक्रम का शुरुआत हुआ है। चौदह फरवरी को साधु सन्तो एवं भक्तो का बृहद भन्डारा के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।इस अवसर पर जौनपुर,वनारस,वृन्दावन,हरिद्वार के साधु संतो का जमघट है। श्री स्वामी  रघुनाथ दास जी महाराज कथा का आन्नद लेते हुए वयवस्था पर नजर बनाए हुए है। दास जगदीश सतगुरु दर्पण सम्पादक

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