जौनपुर।मनुष्य के जीवन मे घटने वाली हर घटना एक काण्ड है और हर घटना पर कर्तव्य का बोध कराना कर्मकाण्ड है।घटना हर परिवार मे होती ही है।कहीं जन्म होता है,तो कहीं कोई मरता है।कहीं शादी होती है, तो कहीं किसी का अन्नप्राशन।किसी का गृह -निष्क्रमण है,तो किसी का गृह-प्रवेश।भारतीय मनीषियो ने मानव जीवन मे होनेवाली इन स्वाभाविक घटनाओ मे से पन्द्रह -सोलह को चुना और इन अवसरो पर प्रत्येक परिवार मे जाकर उस एक परमात्मा के आंशिक आकर का बीजारोपण करने के लिए षोडश संस्कारो का विधान बनाया।बच्चे -बच्चे मे गर्भावस्था से ही एक परमात्मा का संस्कार डाल देना तथा उस एक परमात्मा को पाना ही तुम्हारा कर्म है-इस कर्म का बोध करा देना,बस इतना ही शुद्ध कर्मकाण्ड है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment