जौनपुर।युवा राष्ट्र की शक्ति है। भारत के निर्माता है। आज और कल है।देश का भार युवाओ के कन्धे पर है। युवा जोश ही है जो सीमा के बार्डर पर देश की रखवाली के लिए मुस्तैद है।उक्त विचार प्रताप फाउन्डेशन के चेयरमैन विक्रम प्रताप सिह ने सतगुरु दर्पण से विशेष बातचीत के दौरान कही।उन्होनें कहाँ युवा साकारात्मक सोच के साथ आगे बढे। देश के आन बान शान के लिए यदि प्राणो की आहूति देना पडे तो पीछे न हटे। मन मे जरा भी नाकारात्मक भाव न लाये। नाकारात्मक भाव से आत्मबल कमज़ोर होता है।साकारात्मक भाव से आत्माबल मजबूत होता है। युवाओ के सामने बेरोजगारी की जटिल समस्या है। हताश होने की जरुरत नहीं है।अच्छे करम करे।माता पिता का सम्मान करे।भगवान तुल्य बुजुर्ग की सेवा करे।सफलता कदम चूमेगी। उन्होनें कहाँ कि जेहन मे अहंकार न आने दे,जो मनुष्य को विनाश की ओर ले जाता है। राष्ट्र की भक्ति करे।अपरबल शक्ति प्राप्त होगी। जय हिन्द,भारत माता की जय। आकाश सिंह
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kahane aur karne me antar hota hai,,,,,, har politician ko sochana chahiye aap samajik burayiyo ke khilaf kitani ladai lade hai aur kaun kaun si lad rahe hai,,,,ya fir vyaktigat swarth ke liye raajnit kar rahe hai,,,,,,
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ReplyDeleteकुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी!
अगर पराजय भी हो , तो क्या , कल फिर से तैयारी होगी !!
बिना लड़े मत कभी पराजय स्वीकारो , यह ठानो मन में ,
लड़ो ! और लड़कर हारो भी , तो संतोष रहेगा मन में ,
ऐसी हार , हार तो होगी , लेकिन एक - दम न्यारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
शत्रु प्रबल कितना भी हो , पर मरने से वह भी डरता है ,
सीधे सींगों वाले पशु का , कौन सामना कब करता है ,
तूफानी हर लहर सदा , चट्टानों से लड़ हारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/
पीछे रह ललकार लगाने वाला , युद्ध नहीं लड़ सकता ,
जिसकी निष्ठा अविश्वस्त हो , वह नेतृत्व नहीं कर सकता,
जो खुद में भयभीत , भला उसमें कितनी खुद्दारी होगी /
कुछ बनना, कायर मत बनना, अंतिम विजय तुम्हारी होगी/