लखनऊ। सपा,बसपा का आगामी लोकसभा चुनाव का गठजोड़ लगभग तय माना जा रहा है।यदि ऐसा हुआ तो भाजपा की मुसीबत बढ़ सकती है। मोदी,योगी लहर कमजोर पड़ सकता है। भाजपा हिन्दूतत्व और राम मंदिर के साथ विकास के मुद्दे को लेकर लोकसभा चुनाव की बाजी अपने पक्ष मे करने की कोशिश करेगी। हालांकि भाजपा के पास भी मजबूत वोट बैंक है। लेकिन उन मतों मे विखराव होने की संभावना है। सपा,बसपा की वोट बैंक बहुत ही ठोस है। भाजपा इनमें सेंध लगाने के चक्कर में अपने मूल वोट बैंक को कमजोर कर रहीं है।हालांकि भाजपा के पास दलित और पिछडी जाति के वोटर है।संख्या में कम है।सवर्णों का मत भाजपा का मजबूत वोट बैंक माना जाता है। भाजपा के सहयोगी दल जो साथ है।उससें भाजपा की मजबूती है।अपना दल एस,भासपा,जनाधार वाली पार्टी है। जिसके गठबंधन से भाजपा को लाभ मिला है आगे भी मिलता रहेगा। बसपा के पास भी सपा से गठजोड़ के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव मे बसपा पूरी तरह फ्लाप रही है।सपा का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा नहीं रहा है। ऐसे मे दोनों दलों का गठजोड़ नया इतिहास बना सकता है और भाजपा के विजयरथ को रोकसकता है। यूपी की राजनीति मे जिसका पलडा भारी देखते है,बहुतों लोग उधर हो जाते है।बहुत लोगों को सत्ता मे रहनें की आदत है।ऐसे तमाम लोग है जो सपा की सरकार आयी तो उसके मंत्री,सांसद,विधायक के साथ हो लेते है और सपा का झंडा गाडी़ मे लगाकर चलते है।बसपा की सरकार है तो उसका झंडा लगाकर चलते है।भाजपा की सरकार हैं तो उसका झंडा लगा लेते है। ऐसे लोगों की पूछ भी रहती हैं, क्योंकि ये लोग सिस्टम को फालो करते है। चन्द लोगों से घिरे जनप्रतिनिधि उनके अनुसार काम करते है फायदा लेते है देते है। ऐसा चक्कर है यूपी मे राजनीति का। कहीं सपा,बसपा लोकसभा चुनाव में ज्यादें से ज्यादे सवर्णों को टिकट दे दिया तो भाजपा का क्या होगा। सत्ता का सुख भोगने वाले समय के साथ चलते है,जिसका राज उसकी दोहाई। सपा,बसपा के गठजोड़ से भाजपा घिरती नजर आ रहीं है।ऐसे मे यदि यूपी मे भाजपा का खराब प्रदर्शन रहा तो केन्द्र मे सरकार बनाने मे मुश्किलों का सामना करना पड सकता है।हालांकि इतना जरुर है, अमितशाह, मोदी, योगी जैसे धुरन्धर भाजपा नेता विरोधियों को मात देने मे तनिक भी पीछे नहीं रहेगें।एक बात और है सपा के अखिलेश यादव का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है।बुआ की कृपा से। जेडी सिंह, सोनू सिंह
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