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Sunday, 22 July 2018

ऐसा जुर्म न करो की बचपन शरमाय जाय, शिशु होते हैं सबके प्यारे और आखों के तारे

मडियाहू । जौनपुर।  शिशु से सबको स्नेह होता है। उसे अपनाने को सब तैयार हो जाते है। मर्यादित संस्कार के वच्चे  का  सामाजिक मूल्य होता है। जबकि गलत तरीके से उत्पन्न औलाद की परवरिश तो हो जाती है। मां बाप का प्यार तो मिलता है।  लेकिन जैसे  जैसे उसका जीवन आगे बढ़ता है।युवा अवस्था मे जब उसे पता चलता है कि बचपन मे उसे झाड़ मे फेका पाया गया था। परवरिश करने वाले उसके  माता पिता नही है। जबकि  माता, पिता और कोई है तो उसके मन मे हीन भावना बनेगा। जो उसके जीवन को खालीपन का ऐहसास कराता रहेगा। मडियाहू कोतवाली क्षेत्र के गौहर गांव में शनिवार की रात 9 बजे बरौली मोड़ के पास सड़क के किनारे झाड़ी में नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनकर राहगीरों ने जब रुक कर देखा तो कपड़े में लिपटा शिशु रो रहा था तत्काल सूचना पाते ही ग्रामवासी व प्रधान जितेंद्र कुमार मौके पर पहुंचकर बच्चे को लेकर कोतवाली सूचना देते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जिला अस्पताल पर महिला बाल संरक्षण वालों की देखरेख में उपचार चल रहा है। जेडीसिंह

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