बीमारी कोई भी हो, नीम बन जाता है इलाज
जगह-जगह मिलने वाला साधारण सा नीम का पेड़ बहुत गुणकारी व लाभकारी है। नीम का आम उपयोग दातुन के तौर पर होता है। फोड़े के लिए नीम की पत्ती की पुल्टिस बनाई व लगाई जाती है। चेचक व खसरे जैसे रोगों की पपड़ी हटाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। नीम में कार्बनिक सल्फर यौगिक होते हैं, जो त्वचा और खोपड़ी की सतह के लिए लाभदायक है। जली हुई त्वचा व फफोले पड़ने पर भी वह स्वास्थ्य रक्षक व शीतलता प्रदान करता है। इसकी जड़, तना, पत्ती, फूल, फल सभी कारगर हैं। नीम की पत्ती के पानी से नहाने पर स्वास्थ्य को लाभ होता है। फोड़े-फुंसी पर नीम की छाल को घिसकर लगाने पर आराम मिलता है। साथ ही साथ किसी भी प्रकार का दाग नहीं पड़ता है। साथ ही यदि हम नीम की कोपल व नीम के फल का सेवन करते हैं तो हमारा रक्त स्वच्छ व हम स्वस्थ बने रहते हैं। इससे विभिन्न बीमारियां भी दूर रहती है।
नीम बालों के लिए भी सुरक्षात्मक, संरक्षात्मक और शोधक सिद्ध हुआ है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि यदि सिर में रूसी या खुर-खुर रहती है तो नीम का अर्क आरामदायक रहता है। स्त्रियां अपनी सुंदरता बनाए रखने व निखार के लिए भी इसका प्रयोग करती हैं। नीम की सूखी पत्तियों का उबटन बना कर चोकर मिलाकर साथ में गुलाब जल डाल कर त्वचा पर लगा लेती हैं और वास्तव में निखर जाती हैं। नीम की उपयोगिता व गुणवत्ता के कारण हम सबको एक-एक नीम का पेड़ लगाना चाहिए। यह वर्तमान युग की आवश्यकता के साथ-साथ जरूरत भी है। विभिन्न प्रकार के मंजन, दवाओं व सौंदर्य प्रसाधनों के प्रयोग से अच्छा है कि हम तमाम गुणों से परिपूर्ण एक मात्र ‘नीम’ का प्रयोग व उपयोग करें।
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