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Thursday, 28 June 2012

हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा

ओम प्रकाश पटेल


    Om Prakash Patelदेश की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए हर इंसान को राष्ट्र के लिए चिंतन की जरूरत है। भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत हो गयी हैं, जिसे उखाड़ फेंकना किसी के वश की बात नहीं है। हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा के फार्मूले पर अगर हम काम करते हैं तो काफी हद तक इस समस्या से निजात मिल सकता है।
    आज भी देश में गरीबी है। अमीर और अमीर होता जा रहा है, गरीब और गरीब होता जा रहा है। राष्ट्र एक परिवार है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब आपस में भाई-भाई हैं। सभी अपने हैं, कोई पराया नहीं है। अमीर व्यक्ति गरीबों को भी उठायें, उनके जीवन स्तर को सुगम बनाये, ऐसा एक सोच विकसित करें। जग का भला तो अपना भला। एक व्यक्ति विकसित हुआ तो उसका पूरा परिवार विकसित होगा। इसके बाद पूरा गांव विकसित होगा। धीरे-धीरे ऐसे सभी विकसित होंगे और एक दिन राष्ट्र विकसित होगा। हमें एक-दूसरे के बारे में सोचना होगा। वर्तमान में अगर देखा जाय तो सच्चाई यही सामने है। अगर एक विकसित हो गया तो दूसरे को विकसित होने में रूकावट डालता है लेकिन प्रतिभाएं अपने आप कड़ी मेहनत, काम के प्रति निष्ठा से विकास की उस मंजिल तक पहुंच जाती है, जहां उन्हें पहुंचना है। हर व्यक्ति अपने द्वारा किये जा रहे गलती का अहसास करे। मानवता का परिचय दे। हर किसी का सम्मान करना, आपस में दुःख-दर्द बांटना, परस्पर सहयोग करना, यही सही मायने में मानवता है। किसी का शोषण करना, अनादर करना, एक-दूसरे से बैर रखना, घृणा करना, अपमानित करना, नीचा दिखाना, यह मानवता को कलंकित करना है। ईश्वर द्वारा प्रदत्त असीम ऊर्जा को राष्ट्र के हित में लगाना होगा। बेवजह हम अहंकार करते हैं। रहा है, न रहेगा जमाना किसी का, नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का।
    ना जाने कितने आये और चले गये। जिसका कर्म अच्छा रहा, आज भी पूज्यमान है। दूसरों की गलतियों पर अंगुली उठाते हैं। अपनी गलती पर चुप्पी क्यों? भारतीय सेना देश की आन-बान-शान की रक्षा के लिए सीमाओं पर तटस्थ है। दुश्मनों से देश की रक्षा हो, इसके लिए सीने पर गोली भी खाते हैं वहीं दुश्मनों के सीने में गोली उतारकर देश की रक्षा करते हैं। जैसे देश के प्रति सैनिकों का समर्पण भाव है, वैसे ही हर इंसान का देश के प्रति एक अच्छी सोच व एक अच्छी भावना होनी चाहिए। भारत देश ऋषियों-मुनियों का देश है। समय-समय पर यहां भगवान अवतार लेते हैं और एक सुगम पथ की ओर लोगों को ले जाते हैं।

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