जौनपुर।आठ मार्च को मतदान होगा।राजनैतिक दल भाजपा,सपा,बसपा,काग्रेस,ने सियासी चाल के तहत मतदाताओ को अपने पक्ष मे करने मे जुटे है। वोटो के ध्रुवीकरण मे
किस दल का कितना सीट निकल पायेगा।यह कहना मुश्किल होगा। यू पी की राजनीति मे मुसलमानो पर सपा,बसपा को भरोसा है। दाव उन पर सपा और बसपा दोनों ने लगाये है।काग्रेस का भी मुसलमान प्रेम है। भाजपा यू पी की सत्ता मे न आये। इसके लिए मुसलमान गंभीर है। सियासत के चतुर खिलाड़ी है। ये जहाँ सपा प्रत्याशी को मजबूत देखेगे तो उसको मत देगे नहीं तो बसपा को मत देगे । तमाम मुसलमानो से बातचीत हुई तो उनका झुकाव दोनो तरफ दिखा। यदि मुसलमान दोनों खेमे मे बटा और भाजपा हिन्दुत्व जगा ले गयी तो भाजपा को जिले मे अच्छी सफलता मिल सकती है। जौनपुर के नौ सीटो के मतदान मे पिछडीजाति और अनूसुचित जाति के वोटो का झुकाव भाजपा की ओर है। साथ ही भाजपा की परम्परागत वोट है। ब्राह्मण,क्षत्रिय की आपसी वैमनस्यता की वजह से भाजपा को नुकशान उठाना पड सकता है। सपा,बसपा को लाभ मिल सकता है।मडियाहू विधान सभा क्षेत्र से लीना तिवारी अपनादल एस व भाजपा गठबन्धन से, भोला शुक्लबसपा से,श्रद्धा यादव ,सपा ,सीमा सिंह अपनादल कृष्णा गुटसे चुनाव मैदान मे है। वोटो के ध्रुवीकरण मे क्षत्रिय ब्राह्मण हर दल मे जा सकते है। जात पात की राजनीति से जिला अभी उबर नहीं पाया है। जफराबाद वि-स क्षेत्र से शचीन्द्र नाथ त्रिपाठी सपा, डा.हरेन्द्र प्रताप सिंहभाजपा,संजीव उपाध्याय बसपा के अलावा घनश्याम दूबे लोकदल पार्टी से चुनाव लड रहे है। किसके किस्मत का ताला खुल जाय कुछ कहाँ नहीं जा सकता है।इस सीट पर ब्राह्मणो का सपा बसपा दोनों तरफ झुकाव है। यहां से भाजपा ने क्षत्रिय प्रत्याशी को अपना उम्मीदवार बनाया है। ब्राह्मण जिले की राजनीति मे सफल है। पिछले विधान सभा चुनाव मे तीन ब्राह्मण चुनाव जीतकर विधान सभा पहुँचे।इस बार चार को पहुँचने की संभावना है।राजनीति के प्रकान्ड विद्वान है,ब्राह्मण। सही समय पर सही निर्णय लेने मे माहिर है।मूल मे जोखिम नहीं करते।चाहे जो दल हो विधायक तो अपना है।ऐसा सोचते है।सपा शचीन्द्र नाथ त्रिपाठी को ऐसे ही टिकट नहीं दी है। उनकी ब्राह्मणो मै अच्छी खासी पैठ है। उन्ही की वजह से मडियाहू मछलीशहर के चुनाव मे सपा ब्राह्मणो का वोट हतियाती आ रही है।
बडी हुमची हुमचा के बीच शचीन्द्रनाथ यथावत है।यह अपने आप मे बडी बात है। बसपा ने भी जफराबाद व मडियाहू से ब्राह्मण प्रत्याशी बनाया।बात तो कुछ है। क्षत्रियो को सपा वसपा ने जिले मे जर से नकार दिया।वजह तो कुछ न कुछ है।ब्राह्मण मतदान बहुत गुपचुप तरीके से होता है।क्षत्रिय राजनीति मे आपसी एकजुटता न रख पाने की वजह से काफ़ी पीछे है। हर बिरादरी मे एकजुटता देखने को मिलती है।लेकिन इनमे आपसी कटुता चरम पर है।यादव अखिलेश ,व सपा को छोडकर किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है।कम से कम अपने को तो मान रहे है।हरिजन मायावती के सिवा और किसी की ओर नहीं देख रहा है। लीना तिवारी का अपना दल एस व भाजपा गठवन्धन से टिकट मिलना। मडियाहू मछली शहर जफराबाद को मजबूती प्रदान कर सकता है। बाकी सब कुछ ब्राह्मण देवता पर है।आगे की संभावनाओ मे क्या होगा।इतना जरुर है क्षत्रिय ब्राह्मण की आपसी वैमनस्यता भाजपा को नुकशान पहुँचा सकता है।जे डी सिंह
Monday, 20 February 2017
चुनावी सरगर्मी मे राजनैतिक दलो के सियासी चाल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment