दिल्ली।भाजपा यूपी को लेकर खासे उत्साहित है। लोकसभा मे सफलता मिलने के बाद विधानसभा चुनाव मे भाजपा को प्रचन्ड बहुमत मिला। मुख्यमंत्री पद पर कई नामो की चर्चा है।होना किसी एक को है।कई दिनो से मुख्यमंत्री कौन बनेगा को लेकर जबरदस्त चर्चा है। मनोज सिन्हा पर मुहर लगने की संभावना है। ऐसे मे योगी नाराज,केशव प्रसाद मुख्यमंत्री नहीं बने तो वह भी नाराज, भाजपा ने योगी को जरुरत भर उपयोग किया।लेकिन उनकोअब योगी की जरुरत नहीं है। तभी तो अमितशाह उनको बुलाये और नहीं मिले। इसका क्या अर्थ लगाया जाय मै कोई आदित्य नाथ का समर्थक नहीं हू। लेकिन संतो का भाजपा मे कितना कदर है। योगी प्रकरण से समझ मे आता है।संत दरबार एक ऐसा है ,जहाँ सबको झुकना पडता है। लेकिन संतो को राजनीति से बहुत दूर रहना चाहिए।संत राजनीति मे आकर संत समाज के मूल वजूद को खत्म कर रहे है। यू पी मे भाजपा की सरकार बन रही है। ऐसे मे तमाम चुनौतीओ से जूझना पडेगा। अति उत्साह कहीं न कहीं से उसे परेशानी पैदा करेगा।सहजता ,सरलता का पाठ कार्यकर्ताओ नेताओ,विधायको मंत्रीओ को पढाना होगा।नहीं तो भाजपा के आगे के सपने अधूरे रह जायेगे। जोश मे होश को संभालना होगा। जे डी सिंह
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