नोकरा।जौनपुर। रामनगर क्षेत्रपंचायत के नोकरा गांव के प्रबुद्ध समाजसेवी,सिविल इन्जीनियर घनश्याम दूबे अपने गांव को लोगो के सहयोग से आदर्श गांव बनाने मे जुट गये है। पहली प्राथमिकता है कि झगडा मुक्त गाव हो। आपसी भाईचारे के साथ आपस मे परस्पर प्रेम हो। पशु पालन को बढावा। कामरशियल खेती पर जोर।जैविक खाद का उपयोग। युवाओ के पलायन पर रोक।ब्यवसायिक खेती से युवाओ के जीविका चलाने की सोच।गोबर गैस प्लान्ट लगाकर घर घर गैस कनेक्शन देने की योजना। प्रबुद्ध समाज सेवी श्री दूबे कहते है कि घाग कवि कहते है कि उत्तम खेती मध्यम बान निषिद्ध चाकरी भीख निदान।मतलब खेती उत्तम है। ब्यापार मध्यम है।नौकरी करना यानि भीख मागकर खाना है।कहाँ कि पहले गांव के लोग स्वयं पर आत्म निर्भर रहते थे।सबके पास गाय,भैस पर्याप्त मात्रा मे होता था।दूध दही माठा का लोग सेवन करते थे।घी की विक्री होती थी। दूध दही लोग बेचते थे। पहले गावो का शहरीकरण नहीं था।लोग गांव मे ही आत्म निर्भर थे। सम्पन्न और खुशहाल थे। आज गावो का तेजी से शहरीकरण हो रहा है। पच्चास प्रतिशत लोग ही गांव मे रह रहे है। किसानो का खेती से मोहभंग हो रहा है।
बल्लीपुर के शेषमणि सिह ने कहाँ कि घनश्याम दूबे की सोच काबिलेतारीफ है।उन्होनें कहाँ कि दरवाजे पर जो भी कोई हरज गरज लेकर आता है उसका सम्मान करते हुए उसकी भरपूर मदद करते है।गांव मे उन्हें लोग साहब दादा के नाम से पुकारते है। गांव के राय साहब ने कहा कि गांव मे बीस वीघे मे बाग है,जिसकी मेडबन्दी कराकर दूबे जी सैकड़ों फलदार बृक्ष लगवाये है। गांव के कपिलदेव दूबे ने इस कविता के माध्यम से
गांव की महिमा को बताया। चन्दन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है।भारतदेश के वासी है हम ऋषियो की संतान है।नोकरा गांव की कुल आबादी पाच हजार के आस पास है। पच्चास प्रतिशत लोग मुम्बई रहते है।खेती अच्छी होती है।इस गांव मे घनश्यायम दूबे का बहुत सम्मान है।प्रयास लोगो का जो है ऐसा लग रहा है यह गांव आदर्श गांव के रूप मे विकसित होगा और आस पास के गावो के लिए मिशाल बनेगा। जे डी सिह
Monday, 8 May 2017
चन्दन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है,भारत देश के वासी है हम रिषियो की संतान है
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