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Saturday, 6 May 2017

पायो जी मै तो नाम रतन धन पायो नाम विश्वास का है,तो ईश्वर पास मे है

सतगुरुधाम।जौनपुर। विश्वास ही ईश्वर है।आज किसी को न किसी पर विश्वास है न भरोसा है।सभी अपने दाव पेच मे है।कमज़ोर नश कोई पकड मे आ गयी तो जीना मुहाल कर देगे। सोच लोगो की घटिया होती जा रही है। नाम मे विश्वास है तो सब कुछ है। माता पिता नाम है। इस नाम मे महानता है।गुरु शब्द नाम है।इसमे कितनी पवित्रता है।शब्द -शब्द का खेल है।भाई बहन कितना प्यारा नाम है। रिश्ते नाम के है।जीजा जी,साले जी कितना मनोरम भाव है। माता बेटे का कितना अमूल्य रिश्ता है। आज आपसी प्रेम सिमट रहा है।वजह आपस मे विश्वास की कमी है। हम एक दूसरे को नफरत के भाव से देख रहे है। राम कृष्ण पवित्र नाम है।जिसको लोग भजकर भव से पार हो रहे है।मुक्ति धाम पहुंच रहे है। बच्चा पैदा होता है तो नाम क्यों रंखा जा रहा है।नाम से विश्वास होगा मै सात्विक हू।पवन हू।नाम को जगाना पडता है। सनातन धर्म मे नाम का जाप कर खुद मे ईश्वर के होने का विश्वास जगाया जाता है। कहाँ जाता है ईश्वर हर जीव मे है। यह हमे विश्वास होना चाहिए। जीवन का मूल तत्व विश्वास है। जिसने धरती बनाया ,आकाश बनाया ,जल बनाया ,वायु बनाया,तरह तरह के जीव बनाया और सबमे रमण कर रहा है।मनुष्य ईश्वर का सबसे महत्वपूर्ण जीव है।जिसे ज्ञान है।जो ईश्वर के नाम का विश्वास दिलाता है ईश्वर है। वर्तमान समय मे इन्सान मे शैतान की मात्रा कुछ ज्यादा है।ईश्वरीय तत्व मे कमी आयी है। जब खुद मे आस्था होगी विश्वास होगा तो ईश्वर तो पास मे है।कबीर साहब ने क्या खूब कहाँ है। मको कहा ढूढे बन्दे मै हू तेरे पास मे,ना तीरथ मे ना मूरत मे ना काशी कैलाश मे,खोज होय तुरत मिल जाउ पलभर के विश्वास मे,खुदा हर क्षण पास मे है।विश्वास करके तो देखो। सात्विक तिवारी की जब होर्डिंग मडियाहू मे लगी तो लोग यह सोच रहे होगे आपन और अपने माई क फोटो लगाकर कौन सा विश्वास जगा रहे है।जब यह होर्डिंग जौनपुर शहर के जेसीज चौराहा व वाजिदपुर तिराहे पर लगी नाम विश्वास का तो एक बार लोग यह सोचने पर मजबूर हो गये होगे। आखिर यह है क्या। दरअसल हर व्यक्ति अपने स्वरुप व नाम को विश्वास के साथ जगा ले जो मै हू परमात्मा का अंश हू। बस क्या ईश्वर की अनुभूति मिलने लगेगी। दास जगदीश सम्पादक सतगुरू दर्पण

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