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Sunday, 18 June 2017

धरती माता की महानता, टूटता परिवार,पारिवारिक विवाद मे उलझा उत्तर प्रदेश

सतगुरु धाम। जौनपुर। धरती माता की महानता को बार -बार प्रणाम है।न जाने कितने लोग आये और चले गये है। इस आनी जानी दुनिया मे अच्छे कर्मो की पूजा है।जिसके कर्म अच्छे रहे है।वर्तमान मे है।उनका पूरा देश सम्मान कर रहा है। कबीर साहिब,तुलसीदास जी,गुरुनानक साहिब,संत रविदास पल्टू दास जैसे ना जाने कितने महान -महान दार्शनिक धरती पर आये और अपने अपने विचार धारा से समाज के दशा और दिशा को बदलने का प्रयास किया।भक्ति काल का दौर चल रहा है।भगवान का भक्त आन्नद मे है। लेकिन काल के चक्र से परेशान है।काल के दायरे मे पूरी दुनिया है।जीवो को परेशान करना,भरमाना ,भटकाना,ईश्वर पथ पर जाने से रोकना, उसकी अपनी रोज की फितरत है। उसी व्यक्ति पर उसका असर नहीं होता जो गुरु,संत के शरण मे है। जिसने मुरीदी ली है,यानि जो गुरूमुख है। संत से काल डरता है। काल से बचने के लिये अच्छे संत के शरण मे जाकर राम -राम का सदैव अन्तरमुखी होकर अजपा जाप करना होगा। अभी  किसी से कहिये आप राम का नाम लीजिये,सब ठीक हो जायेगा।वह राम का नाम नहीं लेगा। यदि कोई व्यक्ति बैठकर मन को एकाग्र करके राम राम मन मे कहना शुरू करे तो उसके सामने तमाम बाधाए उत्पन्न होगी। वस्तुतः वह भजन कर नहीं पायेगा। जो अभ्यासी है।जिसका रोज का अभ्यास है,उसके लिये सब कुछ आसान है। वह कई घन्टे तक आत्मा को परमात्मा से जोडकर परमात्मा के आदेश पर काम करता है।मालिक का जो हुक्म है।उसका पालन करता है। धरती सहनशील है। जात-पात धर्म -मजहब से उपर उठकर उनका महात्म्य है। विश्व मे कई अरब जीव धरती पर प्रवास कर रहे है। धरती माता किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है।सबको अपना मानते हुये सबके साथ मातृत्व दुलार का भाव प्रदान कर रही है। इन्सान धरती को लेकर आपस मे झगड रहा है। भाई भाई आपस मे भिडे है। भिडाने वाले भी  अपना दाव खेलकर अपना पोजीशन बनाने मे कामयाब है। हर इन्सान मरेगा।यह सत्य है। जब तक श्वासा तब तक आशा ,नहीं तो सत्यानाशा। श्वासो की पूंजी है।चाहे जितना अपने को लगा लीजिये। ईश्वर सबसे काम ले रहा है।जो जैसा है,उसको वैसा ओहदा है। खासकरके उत्तर प्रदेश मे पारिवारिक विवाद चरम पर है। जिसका मूल कारण पैतृक संपत्ति है।परिवार टूट रहा है। नफरत बढ रहा है।शासन,प्रशासन ग्रामीण  गतिविधियो से अनभिज्ञ है। कटुता बढ़ता जा रहा है। पुलिस यदि अपनी कार्यप्रणाली मे सुधार नहीं लायेयी तो आने वाले दिनो मे अराजकता चरम पर होगी।जिसे रोक पाना मुश्किल होगा। अच्छा यहीं होगा,शासन प्रशासन गांव की ओर रुख करे और गांव की गतिविधिओ पर नजर रंखे। पंचायती व्यवस्था गांवो के लिये अभिशाप साबित हो रहा है। इनके पास न कोई सोच है। न ही गांवो को आदर्श गांव बनाने की पहल है।देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को सबका साथ सबका विकास के फारमूले पर लेकर आगे बढ रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी के सामने तरह तरह की चुनौतिया है। हालांकि उसका डटकर मुकाबला कर रहे है।संत कृपा से प्रदेश-उत्तम प्रदेश बनने की ओर आगे कदम बढा रहा है। नेवढिया थानाध्यक्ष अजीत सिंह से गत दिनो बातचीत हो रही थी। वर्तमान समय पर चर्चा हुई तो उन्होनें कहां कि अपराध कम हुआ है।जमीनी विवाद ज्यादे है। सान्सद,विधायक,मंत्री के पास भी  पैतृक संपत्ति विवाद मामले ज्यादे जा रहे है। पारिवारिक विवाद को आपस मे मिल बैठकर सुलझाना ही बेहतर तरीका हो सकता है। जौनपुर के सान्सद के पी सिंह से समस्याओ पर बातचीत हो रही थी तो उन्होनें कहाँ इन दिनो सबसे अधिक शिकायत पारिवारिक विवाद के है।जिसमें दोनों पक्षो को बुलाकर, समझाकर मामले का निस्तारण हो रहा। आपस मे भाईचारे के साथ जीवन यापन करने का मजा ही कुछ और है। आदर्श सोच रंखे। आदर्श परिवार और गांव बनाने के लिये आज से ही प्रयास शुरु कर दे।दास जगदीश संपादक सतगुरू दर्पण जौनपुर

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