Social Icons

Saturday, 30 December 2017

समाज मे बढ़ रहे अपराध के लिए सरकार दोषी,आम आदमी न्यायालय से हो रहा निराश, संत शिरोमणि राजेश सिंह अधिवक्ता उच्च न्यायालय

जौनपुर।। समाज मे अपराध बढा़ हैं, के सवाल पर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संत शिरोमणि राजेश सिंह ने कहां कि कुछ ऐसे कारण हैं कि आम आदमी   न्यायालय से निराश हो रहा हैं।  न्यायालय में मजबूरी मे जा रहा  हैं। जजों की कमी की वजह से मुकदमें के फैसले मे देरी हो रही हैं। संत शिरोमणि ने सतगुरु दर्पण से विशेष बातचीत में कहां कि पुलिस साक्ष्य संकलित करती हैं जिसके अनुसार  न्यायालय मे विचारण शुरू होता हैं। विचारण के दौरान उन्हीं गवाहों को अदालत मे पेश किया जाता हैं जिनसे पुलिस  बयान लिये होती हैं। सबूतों का मूल्यांकन होता हैं।इसके बाद फैसला आता हैं। अधिवक्ता ने आगे कहां कि प्रदेश की पुलिस  वीआईपी डियूटी मे ज्यादें परेशान रहती हैं। मुकदमें का विवेचना ठीक से नहीं होता हैं। विवेचना के लिए दूसरी पुलिस की शाखा अलग कर दिया जाय और जजों की संख्या बढा़ दिया जाय तो जनमानस को त्वरित न्याय मिलना शुरु हो जायेगा और अपराध में कमी आयेगी।उन्होंने कहां कि विवेचना के लिए पुलिस की अलग शाखा  के लिए उच्च न्यायालय ने फैसला लिया था। लेकिन सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी। मामला अधर में लटक गया। संत शिरोमणि ने कहां कि समाज मे बढ़ रहे अपराध के लिए पूर्णतया सरकार दोषी हैं।जजों की संख्या कम हैं।विवेचना के लिए पुलिस नहीं हैं। कानून व्यवस्था ठीक हैं। कानून का पालन नहीं हो पा रहा हैं। वकील साहब ने कहां कि भारत देश मे दस हजार की आबादी पर एक जज का मानक हैं।विकसित देशों में एक हजार की आबादी पर जज उपलब्ध हैं। कहां कि सरकार जजों की संख्या बढा़ये और संक्षम विवेचना कराये और गवाहों को सुरक्षा प्रदान करे।तब कहीं जाके अपराध मे कमीं आयेगी।दास जगदीश सतगुरु दर्पण संपादक जौनपुर।

No comments:

Post a Comment