जौनपुर। लोग कहते हैं पुलिस वाले सरकारी गुन्डा़ हैं।जो चाहते हैं करते हैं। अपने आगे किसी को नहीं समझते हैं। इस समय गरीबों का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव -गांव मे घर बन रहा हैं। सौ नम्बर पुलिस सिर्फ धन उगाहीं कर अति गरीबों का आर्थिक शोषण कर रहीं हैं। गांव मे एक पडोंसी का दूसरें पडोंसी से विवाद है। एक पडोंसी सौ नम्बर पर फोन करता हैं सौ नम्बर पुलिस आती हैं। आवास बनने का काम रोक देती हैं।बनने नहीं देती हैं।कहीं कहीं माना जगह का विवाद हैं।लेकिन जो साफ जगह हैं लेखपाल पुष्टि कर रहा हैं।भूमिधर लैन्ड हैं।उस पर सौ नम्बर पुलिस क्यों काम रोक कर रंखी हैं।यह गुन्डागर्दी नहीं तो क्या हैं। रामनगर ब्लाक के ग्राम सभा कुत्तुपुर मे कमला देवी सत्तर वर्ष लम्बे समय से झोपड़ी मे रहकर जीवन यापन कर रहीं हैं।मां का एक स्वपन था।घर नहीं हैं।रहने के लिए भगवान ने उनका सुन लिया और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ हैं।वृद्ध मां के आवास बनने के लिए गांव के प्रधान कैलाश नाथ पटेल ईट, बालू सीमेंट गिरवाये ,थोडा काम हुआ।पडोंसी ने सौ नम्बर पर पुलिस को फोन किया।पुलिस ने काम रोक दिया।जब घर बनने को होता हैं पुलिस आती हैं रोक देती हैं। जबकि प्रधान ने बताया कि लेखपाल ने जमीन का मुआयना किया तो वह जमीन वृद्धा मां के नाम की भूमिधर हैं।प्रधान ने कहां कि पुलिस से कहां गया कि ठंड का सीजन हैं मां को रहने के लिए घर बन जाने दीजिए।लेकिन पुलिस नहीं सुनी।मां का घर अभी रुका हैं।गांव के प्रधान कैलाश नाथ पटेल ने पुलिस अधीक्षक के के चौधरी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए मां के घर को बनवाने की मांग किया हैं। सौ नम्बर की पुलिस कुछ कागज के टुकडे़ पर आखिर क्यों इतना गिर रहीं हैं।मानवता कुछ हैं कि नहीं मां मां होती हैं चाहे वह जो मां हैं।इस समय क्षेत्र मे सौ नम्बर पुलिस का खुला ताडंव चल रहा हैं।गरीब परेशान हैं।
जे डी/आकाश
Saturday, 30 December 2017
प्रधानमंत्री आवास योजना,, विधवा मां के सपनों का घर नहीं बनने दे रही है सौ नम्बर की गुन्डा पुलिस
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