बड़ा खुलासा, इस वजह से बीजेपी जीत रही हर चुनाव
नई दिल्ली : 2014 में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से लोकसभा चुनाव जीत कर केंद्र में सरकार बनायी और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए. उसके बाद से चुनाव दर चुनाव भारत के मानचित्र पर बीजेपी का भगवा परचम लहरा रहा है. यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचंड बहुमत के बाद विपक्ष को ईवीएम में गड़बड़ी का जो सवाल उठा था, वो सोमवार को गुजरात में बीजेपी को जीत मिलने के बाद फिर गर्मा गया. चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की डिमांड पर ईवीएम के साथ जिस वीवीपैट मशीन को इस बार गुजरात चुनाव में इस्तेमाल किया था, उसके नतीजों ने सारी पोल खोल कर रख दी है.
ईवीएम के 100 फीसदी बराबर निकले वीवीपैट के वोट
इस बात का खुलासा हो गया है कि आखिर चुनाव दर चुनाव बीजेपी जीती कैसे जा रही है और क्यों राहुल गाँधी जहाँ-जहाँ प्रचार के लिए जाते हैं, वहां कांग्रेस की करारी हार होती है. इस बार गुजरात चुनाव में ईवीएम के साथ जिस वीवीपैट मशीन का इस्तमाल किया गया, उसके नतीजे बेहद सटीक आये हैं.
राज्य में कुल 182 विधानसभा सीटों में 182 मतदान केंद्रों पर वीवीपैट लगाई गई थी. सोमवार को नतीजों के साथ जब चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट से निकली पर्चियों के वोटों का मिलान किया तो वो एकदम सही साबित हुए. इसका मतलब ईवीएम में तो कोई खोट नहीं है, देश की जनता ही मोदी के नाम पर वोट डाल रही है तो कांग्रेस कहाँ से जीतेगी.
नहीं मिली एक भी गड़बड़ी
चुनाव आयोग के मुताबिक, 182 मतदान केंद्रों पर इस्तेमाल वीवीपैट और ईवीएम के रिजल्ट 100 फीसदी सही साबित हुए. चुनाव से पहले आयोग ने कहा था कि वह 182 निर्वाचन क्षेत्रों में से हरेक पर एक मतदान केंद्र पर ईवीएम पर मतों और वीवीपीएटी पर्चियों की बिना किसी क्रम के (रैंडम तरीके से) से गणना करेगी.
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों द्वारा दी गई पर्चियों के नतीजों का 100 फीसदी मिलान हुआ.’ दरअसल, ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद ही कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम के मतों और पेपर ट्रेल मशीनों की पर्चियों का मिलान कराने का फैसला किया गया था.
मोदी के सामने हार को पचा नहीं पा रहा विपक्ष
बता दें कि कांग्रेस ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के बाद लगातार दो बार केंद्र में (यूपीए-1 और यूपीए-2) सरकार बनायी. उस वक़्त तक सब कुछ ठीक था, मगर जैसे ही बीजेपी सत्ता में आयी तब से कोंग्रेसी नेताओं ने ईवीएम हैक होने का रोना-धोना शुरू कर दिया. वहीँ दिल्ली में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाले केजरीवाल ने भी अन्य राज्यों में अपनी हार का दोष ईवीएम पर मढ़ दिया.
इसी तरह यूपी में अपनी बुरी तरह से हार देख बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी ईवीएम पर ही दोष मढ़ दिया था. इस बार गुजरात चुनाव के बाद भी कुछ कोंग्रेसी नेताओं समेत पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने ईवीएम हैकिंग का गंभीर आरोप लगाया. हालांकि उनसे जब सबूत मांगे गए कि किस आधार पर वो हैक होने के दावे कर रहे हैं, तो वो निगाह फेरते नजर आए.
ये बात अब साफ़ हो गयी है कि विपक्ष मोदी की लोकप्रियता को हजम नहीं कर पा रहा है और अपनी हार को भी पचा नहीं पा रहा है. विपक्ष अब भी सत्य देखने को तैयार नहीं कि जनता परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति अब नहीं देखना चाहती और केवल विकास करने वालों को ही वोट दे रही है. इसीलिए लोगों को गुमराह करने के लिए विपक्ष ईवीएम का मुद्दा बार-बार उठा रहा है।अरुन सिंह की रिपोर्ट
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