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Monday, 26 February 2018

अकेले हूं सापिन,सपेरें बहुत हैं, का बताई हे भईया घरवा वाली प्रधान हो गईल,प्रधानमंत्री आवास योजना के कमीशन से कल्याण हो गईल

जौनपुर। रामनगर क्षेत्र पंचायत के इटाएं बाजार स्थित आर्दश इण्टर कालेज के प्रागंण में रविवार 25 फरवरी 2018 को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर कालेज के प्रंबधक वृजविहारी दूबे  प्रधानाचार्य बंशनारायण सिंह, कवि होरी लाल अशांत ने दीप प्रज्वलन किया। कार्यक्रम के संचालक निडर जौनपुरी ने  सरस्वती बंदना के लिए कवियत्री डा. मंजरी पाण्डेय को आवाज दिया, आयी और सुरीली आवाज का छटा बिखेर मां को स्मरण  किया। दया मिली। कवि सम्मेलन मे कवि विचारधारा शुरु हुआ।कवि रामसमुझ भाष्कर ने अपनी रचना के प्रथम बंद मे भगवान को स्समरण किये। सामाजिक कुरीतियों पर चोट पहुंचाया और समाज को समरसता की ओर ले जाने पर जोर दिया। फगुनहट बयार में दो आत्माओं के आत्मिक मिलन की दूरी को कवि मन ने जोडने का प्रयास किया। कहां कि बसि के पिया परदेश जियवा ललचावेला। कवि अरुणेश कुमार आदमी के दोहरा चरित्र को रेखांकित करते हुए ऐसे लोगों को खतरनाक बताया और समाज में अराजकता फैलाने वालों की भर्त्सना की। कवि बंधुपाल ने पंचायती राज ब्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। कविता के माध्यम से बोले का बताई हे भईया घर वाली प्रधान हो गईल,प्रधानमंत्री आवास योजना के कमीशन से कल्याण हो गईल। जाने माने कवि झगडू भईया ने राजनैतिक दलों पर जमकर तीर छोडे और नीयत पर सवाल उठाये। राजनीति में व्याप्त गन्दगी पर ब्यंग किये। सिन्दूर पर उनके द्वारा  प्रस्तुति की गयी रचना को लोगों ने बेहद सराहा।कवियत्री डा. मंजरी पाण्डेय की रचनाओं ने लोगों को घायल कर दिया। जब वे जनता के बीच लयवद्ध सुर निकालकर बोली अकेले हू सापिन, सपेरें बहुत हैं, रहि रहि रहिया,रोके ई बटोहिया, कोई कहता हैं, तितली की तरह चंचल लगती हू,कोई कहता हैं, फूलों की तरह गदरा गई हू। मंजरी का मंजर ही निराला था। फगुनहट मे तरह तरह के रस से लोगों को सराबोर कर खूब वाहवाही लूटी। कवि निडर ने मां के पवित्र जीवन की महानता का चित्रण कर उपस्थित लोगों को कुछ क्षण के लिए द्रवित कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें महाकवि होरी लाल अशांत ने अपनी रचना से गांव को चित्रण किया और खामियां गिनाई। स्कूल के प्रंबधक वृजविहारी दूबे ने आये हुए कविगण, श्रोता बन्धु के प्रति  कृतयज्ञता जताई और संबोधन में मां की महिमा  को सर्वोपरि बताया और कहां की जन्मदायिनी मां, गंगा मां, धरती माता, वैष्णो मां,विन्धवासिनी मां। सबपर मां की कृपा हैं, सभी मां के पुत्र और पुत्री हैं। प्रधानाचार्य बंशनारायण सिंह ने कहां कि कवि सच का बोध कराते हैं और कुरीति पर प्रहार करते हैं। आत्मन,मनन,चिन्तन के बोध को समाज के सामने प्रकट करते हैं। समाज मे समरसता का भाव उत्पन्न करते हैं। जब कवियों की कविता परवान चढ़ती थी तो परम्परा अनुसार स्कूल के शिक्षक क्षमेन्द्र पाण्डेय माल्यार्पण कर कवियों के हौसला को बढा़ रहें थे। कार्यक्रम में नागेश दूबे,इन्द्रसेन दूबे,अशोक कुमार मिश्र, ओम प्रकाश मिश्र, विलास पाठक,जय प्रकाश सिंह, राजकुमार मिश्र, श्रवण कुमार, करुणानिधि सिंह, सुशील कुमार यादव,जयशंकर शुक्ला,अवधेशचन्द्र दूबे,ओमप्रकाश सिंह, मंगला सिंह,विनय कुमार सिंह, अमित सिंह, समसुद्दीन अन्सारी, चंदन सिंह, जितेन्द्र कुमार, देवेंद्र कुमार सिंह, जिलेदार सिंह पूर्व ग्राम विकास अधिकारी, बेदी सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर स्कूल के छात्र और छात्राओं की भी उपस्थिति रहीं। जेडी सिंह सतगुरु दर्पण संपादक जौनपुर। हर हर महादेव

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