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Friday, 16 March 2018

मुंबई, दिल्ली देता खुशहाली,यूपी,बिहार देश का सबसे पिछडा़ प्रदेश,आईएएस, आईपीएस देने में अव्वल,जातिवादी सोच विकास मे बाधक,बाहरी कमाई से पोषित होते परिवार

मुबंई।  भारत देश के दो प्रदेश यूपी, बिहार   सबसे पिछड़े हैं। जातिबादी सोच विकास मे बाधक हैं। आज देश के महानगर, मुबंई, दिल्ली, कलकत्ता यहां के लोगों के लिए रोजगार का साधन बना हुआ हैं।  इन प्रदेशो के लोगों का अधिकांश परिवार बाहरी कमाई से पोषित हैं।खासकरके मुबंई,महाराष्ट्र मे यूपी,बिहार के लोगों की काफी संख्या हैं। जो अरसे से रोजी, रोटी के चक्कर में जमे पडे हैं।  यूपी, बिहार के बहुतायत लोगों में खुशहाली  और संपन्नता दिल्ली,कलकत्ता और मुबंई की वजह से हैं।  अधिकांश लोगों का जीवकोपार्जन  यहीं से हो रहा हैं। जिस प्रदेश के लोग दूसरे प्रदेश पर आधारित हैं। ऐसे मे क्या माना जाय।पिछडा़पन नहीं तो क्या।यूपी,बिहार के बहुतायत परिवार ऐसे होगें,जिन्हें  मुबंई, दिल्ली,कलकत्ता से यदि पैसा न जाय तो रोटी के लाले पड़ सकते हैं। सतगुरु दर्पण के.संपादक जेडी सिंह ने मुंबई के जाने माने पत्रकार विजय सिंह से इस मुद्दे पर विशेष बातचीत  की। जिसमें उन्होंने कहां कि  यूपी, बिहार  से सबसे ज्यादा आईएएस-आईपीएस आते हैं जो पूरा देश चलाते है। पर दुर्भाग्य से इन दोनों प्रदेशो के लोग जातिवाद से ऊपर उठने के लिए तैयार नही। इसीलिए दूसरे प्रदेशों में नौकरी, मजदूरी के लिए भटकते और अपमानित होते रहते हैं, क्योंकि इन दोनो प्रदेशो में विकास और सुशासन कभी मुद्दा नहीं बनता।उन्होंने कहां कि जात-पात की राजनीति से ये प्रदेश अभीतक उबर नहीं पा रहे है। जब तक हम जातिबादी सोच के अनुसार ऐसे ही मतदान करते रहेगें, यूपी, बिहार का पिछडा़पन कभी दूर नहीं होगा। यूपी, बिहार आज पूरे देश में बदनाम हैं। महानगरों में इनके नाम पर कुछ लोग नाक मुह सिकोड़ते हैं। अपमानित करते है। यह भी है इन प्रदेशों मे महान हस्तियां भी हैं। जिनकी छवि को सभी सलाम करते है। जरुरत हैं, एकजुटता लाने की।जात पात के भेद को मिटाने की।यूपी, बिहार के छबि को निखारने की और विकास की ओर चलने की। जेडी सिंह,हर,हर महादेव

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