आज का परिवेश काफी बिगड़ चुका है।मतलब से लोग जुडते है।काम सध गया।फिर दूसरो से जुडते है। ऐसे ही मतलवी जमाना हो गया है। किसी से व्यवहार वनाने के पहले यह सोचना चाहिए कि अपना अगर हित हो रहा है तो जिससे हित हुआ उसका भी हित होना चाहिए।आज लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए जी रहे है। अपने फायदे के लिए दूसरे का नुकसान भी कर रहे है।जबकि अपने फायदे के लिए कायदा बिगाड़ना सरासर अनुचित है। अपने दिल से जानो पराये दिल का हाल। आज मनुष्य धरती पर सबसे ज्यादा परेशान प्राणी है। इनसे अच्छे से धरती के और जीव है।कोशिश हो हम दूसरे के कल्याण की सोचे।ईश्वर हमारा खुद कल्याण कर देगा।जे डी सिंह सम्पादक सतगुरु दर्पण जौनपुर
Wednesday, 21 December 2016
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