जौनपुर।तरकश से तीर निकल रहे है।एक दूसरे को वेध रहे है। राजनैतिक माहौल गरमा गरम है।खूब कट रहा है।तरह तरह के दौर चल रहे है।मतदाताओ की चाँदी है। उनकी पूछ बढ गयी है। वोट के सौदागर सक्रिय है।वोटो का कीमत लगाया जा रहा है।ऐसे तमाम लोग टहल रहे है जिनके जेब मे तमाम वोट पडे है और प्रत्याशियो को बता रहे हमारे पास तमाम वोट है।लिहाजा कुछ सोचना पडेगा। सपा के अखिलेश ने बुआ पर निशाना साधते हुआ कहा कि उन्हें नकदी पसन्द है। जिसे वह तेजी से बटोरती है। वसपा की मायावती भी निशाना साधती है। सुलझी हुई है। बात तार्किक होता है। मोदी का ओजस्वी विचार लोगो को अपनी ओर खीचता है। ऐसी तरीके की बात होती है लोग आन्नद मे हो जाते है। अखिलेश के भाषण मे दम होता है। खास तौर से देखा जाय तो निशाना साधकर एक दूसरे को वैचारिक रुप से घायल किया जाता है,और वोटरो को अपने पक्ष मे करने की कोशिश होती है।मतदाता सब समझ रहा है। नेताओ के लटके झटके होते है।बोल वचन होता है। निशाना पर निशाना चलता रहेगा। जब तक चुनाव समाप्त हो न जाय। सत्य बोलने का चलन बढे।ईमानदारी समाज मे आये इसके लिए प्रयास लोगो को करना चाहिए। जे डी
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