जौनपुर। मोदी और योगी मीडिया के सुरखियो मे है।योगी मुख्यमंत्री बनने के बाद चतुरदिक छा गये है।इस समय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और शोशल मीडिया मे जंग छिड गया है।शोशल मीडिया अन्दर तक है।जमाना जर रहा है और बदल रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का पूरा रूतवा है।डिवेट का तहलका है।विश्लेशण है।नजारा है,नजरिया है।घेरा घेरी है।सच की खोज है।चाहत है।राहत है।लेकिन प्रबन्धतन्त्र है।पैकेज है।जीवन है।दिनचर्या है।शोशल तो शोशल है।संख्या है।अब तो मीडिया है।आजाद है।किधर भी कुछ छोडा तो ए बी न्यूज को सच का पता लगाना पड रहा है।शोशल मीडिया ने मुख्यमंत्री योगी को रुलाया।इस चैनल ने पता लगाया।बात सच निकली।सन २००७ मे योगी रोये है।संसद भवन मे।मुलायम मुख्यमंत्री थे।गोरखपुर मे पूरा बबाल था।मोदी को ग्यारह दिन तक गोरखपुर जेल मे रंखा गया था।योगी रोते हुए कह रहे थे मुझे अनावश्यक रुप से परेशान किया जा रहा है।सदन से इस्तीफा देने की बात कही। युवा संत उस समय बात कहीं रोया लेकिन विचारो मे ओज था।न्यूज चैनल ने रोने का वीडियो निकाला।अपना लैब खंगाला। खबर दिखाई।सच का पता लगाई।शोशल मीडिया के लोग जरा गम्भीरता से काम करते रहेगे तो ए बी पी न्यूज आप के पीछे पीछे सच का पता लगाने के लिए मुस्तैद दिखेगी। जय जिन्दा राम सतगुरु धाम।
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