वाराणसी। जीव धरती पर आता है।सब जीवो का अपना अपना करम है। उसी हिसाब से रहन सहन है।मनुष्य के साथ तरह तरह के पशु पंक्षी प्रकृति के हिस्सा बने है। मनुष्य सबसे जानकार प्राणी है। सबका अपना अपना अतीत है। इन्सान ,इन्सान कम हैवान ज्यादा हो गया है। वह खुद मे नहीं दूसरों मे खामियाँ ढूढता है।फिर उसे प्रचारित करता है और फिर चटकारे लेकर हसता है। पहले साधु,सन्तो द्वारा शास्त्रार्थ होता था।बात करने का एक विन्दु होता है।परमात्मा एक है,धर्म,संस्कृति अनेकों है।सबके अपने अपने जुमले है।कोई कुछ कोई कुछ कहे जा रहा है।आज टी वी चैनलो पर डिवेट का प्रचलन बढा है।बातो बातो मे टकराहट आ जाती है।लेकिन टीवी पत्रकार सबको समेट कर जिस विन्दु पर बात होती है।उसको पूरा करता है और समाज के सामने एक निचोड देता है।यू पी मे साधु राज शुरु हो गया है। ईमानदारी लाने के प्रयास तेज हो गये है। सरकार के मंत्रीओ,अधिकारियो से संपत्ति का ब्यौरा मागा गया है। इसके पीछे योगी की सोच है।जब अधिकारी ,नेता ईमानदार हो जायेगे तो सरकार ईमानदारी से चलेगी और सबका विकास होगा।जीवो पर दया करो,जीव हत्या बन्द करो। बूचड़खानो मे निरीह पशुओ को बेरहमी से कत्ल किया जाता है।आह निकल रही है। जो मनुष्य के लिए घातक है।वातावरण मे दुख है।इसलिए समाज मे ज्यादे लोग दुखी है।साधु राज का यह निर्णय सराहनीय है।बूचड़खाना बन्द होना चाहिए। सदन बहुत बडा कसाई था। संत के विचार से प्रभावित होकर भगवान का भक्त हो गया। योगी का अतीत सुनहरा है।माता पिता ने अच्छा संस्कार दिया है। साधु होना आसान काम नहीं है। परमात्मा की बहुत बडी कृपा होती है।तभी कोई साधु होता है।मीडिया मे योगी को लेकर तरह तरह के सवाल उठ रहे है। नीयत पर कुछ लोगो को शक है।कट्टर हिन्दू होना कोई गलत बात नहीं है। धर्म की रक्षा करना,हिन्दुत्व को जगाने का काम करना, सनातन धर्म की पहचान है। संत सबका कल्याण चाहता है। योगी मुख्यमंत्री है।यह एक संवैधानिक पद है।इसमे सबको एक ही चश्मे से देखना पडेगा। हिन्दू ,मुसलमान सिख,ईसाई सबके मुख्यमंत्री है।यू पी तभी सवरेगा,जब हम हिन्दू मुसलमान से हटकर सोचेगे। तमाम मुसलमान योगी को बेहतर मुख्यमंत्री साबित होगे,ऐसा कह रहे है। अधिकारियो को सत्यता की राह पर ले चलने की कोशिश जरुर रंग लायेगी। साधु मुख्यमंत्री बेहद सफल होगे,ऐसा जनादेश कह रहा है।योगी की नीयत साफ है।साधु है।राम को भज भज कर पुण्य आत्मा बन गये है।होनी कोई टाल नहीं सकता।काल का फेरा है। समय के अनुसार सब कुछ होता जा रहा है।देखते जाईए। परमात्मा अजब तेरी माया,गजब तेरा खेल है।जगदीश सिंह जे डी सम्पादक सतगुरू दर्पण
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