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Tuesday, 11 April 2017

बौद्ध धर्म का जन्म स्थान अयोध्या है

जौनपुर।बुद्ध के समय अयोध्या एक विशालऔर महत्वपूर्ण नगर था। इसका एक प्रमाण यह भी  है कि महात्मा बुद्ध ने अयोध्या नगर की अनेकों यात्राए की थी और ठहरते भी  थे।बुद्ध ने जिन स्थानो पर निवास किया था उसमे बुद्ध कुन्ड और बौद्ध विहार था।बुद्ध कुन्ड एक पवित्र तालाब है,इसी स्थान पर महात्मा बुद्ध ने सोलह वर्षो तक तपस्या की,उन्हें बोधिसत्व की प्राप्ति इसी स्थान पर हुई थी। बुद्ध कुन्ड के समीप बौद्ध विहार मे बुद्ध के समय से ही भिक्षुओ का ताता लगा रहता था।वर्तमान समय मे केवल उसके भग्नावशिष्टमात्र शेष है,महाराज हर्षवरधन के समय मे भारत आने वाला चीनी यात्री हेनशाग अपनी पुस्तक मे लिखता है-अयोध्या के मध्य मे एक सुन्दर तालाब है,इसके समीप मे बहुत बडा विहार है।जिसमे बौद्धहीनयान सिद्धांत के अनुयायी हजारो भिक्षु निवास करते है। जबकि इसरा चीनी यात्री फाहयान भी  लिखता है कि संसार मे जितने धर्म है,उनमे सबसे अधिक बौद्ध धर्म को मानने वाले है।इसका बौद्ध धर्म आदि जन्मस्थान अयोध्या है।यहीं से यह धर्म वर्मा ,चीन,जापान,तिब्बतऔर लंका आदि देशो मे गया है। बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा गौतम बुद्ध का पूर्व नाम सिद्धार्थ था,जो अयोध्या के राजा शुद्धोधन के पुत्र थे।जब से संसार मे बौद्धबाद का जोर बढा,बौद्ध धर्म भारत से बाहर और भारत मे भी  काफी लोकप्रिय हो गया था। साभार अयोध्या का प्राचीन इतिहास

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