जफराबाद।जौनपुर।विधायक सबके होते है। विधानसभा का हर व्यक्ति उनका है। नेक नियती और ईमानदारी से काम करते हुए उनको सबके हित की सोचनी होगी। कौन मत दिया,कौन नहीं दिया।इस पर ध्यान न देकर सबको अपने साथ जोडकर सबके विकास की सोचनी चाहिए। जो भाजपा की नीति है। सतगुरु धाम वर्राह मे आयोजित राम नाम संकीर्तन मे विधायक आमंत्रण के बाद भी नहीं आये है।जबकि गांव मे दूसरे दिन आये। ऐसे मे विधायक के मन्शा को क्या माना जाय। क्या सबका साथ सबका विकास वाले जुमले को अपने विधानसभा क्षेत्र मे लागू कर पायेगे।
दरअसल गांव के कुछ नेता अपने जेब का मानते है।विधायक को। वह जैसा कहते वैसा करते है। उन्ही के कहने के अनुसार विधायक गांव मे आये। आश्रम पर आने के लिए शायद गांव के नेताओ ने हरी झन्डी नहीं दी। जबकि राम नाम संकीर्तन का विरोध करने वाले नेताओ को भगवान के दरबार मे आने का निमंत्रण था।लेकिन वह भी नहीं आये।बाहर से मुश्किल पैदा करने की पुरजोर कोशिश करते रहे। राम की कृपा से उनको मुँह की खानी पङी। राम भक्त प्रधानपति दयाशंकर सिंह,प्रदीप सिह ,उदयभान सिंह,बच्चू लाल अरविन्द सिंह,मनोज सिंह,राजेश सिह सहित तमाम भक्त आश्रम मे आये और राम का दर्शन किये। सबसे अहम बात है कि भाजपा के एक नेता मेरे परिवार को हथियार के रुप इस्तेमाल कर रहे है।हमारा परिवार राम का तो नहीं लेकिन उनका मुरीद है। गांव मे रहकर कुछ अच्छा सोचना, कुछ अच्छा करना बहुत ही टेडी खीर है। कैसे अच्छे दिन आयेगे। कैसे सबका साथ,सबका विकास होगा। जरुरत है ग्रामीण परिवेश मे अच्छा माहौल बनाने का।आदर्श सोच विकसित करने का। यहीं सब करने व सोचने मे जीवन का बुरा हाल है। किसी तरह मुश्किल मे जीवन कट रहा है। घर परिवार,कुछ भाजपा नेता देखिए गांव मे रहने देते है या गांव छोडकर जाना पडता है।इतना विश्वास है,प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ संत परम्परा से है। विश्वास और भरोसा है,उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनेगा। आदर्श सोच की अविरल धारा चल पङेगी। हम जैसे गृहस्थ साधु पर भी उनकी नजर पडेगी और जीवन के कल्याण के बारे मे सोचेगे। वर्राह गांव मेरी समझ मे जनपद का सबसे विचित्र गांव है। प्रशासन की नजर इधर होनी चाहिए।दास जगदीश सतगुरू धाम वर्राह,सम्पादक सतगुरु दर्पण जौनपुर
Monday, 10 April 2017
सरकार की मन्शा पर विधायक फेर सकते है,पानी
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