जौनपुर। विश्व के धरोहरो मे अयोध्या राम मन्दिर का अहम पूज्य स्थान है। मानव सृष्टि का मूल तत्व है। राम नूर है।खुद मे वह रोशन है औरो को भी रोशनी दे रहा है। राम को लेकर विवाद नहीं है।उनकी जमीन को लेकर विवाद है। अल्लाह को लेकर विवाद नहीं। मसजिद को लेकर विवाद है।भारत देश मे महापुरुषो के जन्मस्थान व तप स्थान की वन्दगी होती है। आत्मानुभूति मे ईश्वर व अल्लाह का बोध होता है। धर्म शांति की चीज है। राजनीति से मन मे अशांति पैदा होती है। आज राजनीति का प्रचलन घर घर है।हर क्षण राजनैतिक पैंतरा है। राजनैतिक लाभ लेने के फिराक मे राजनैतिक दल हर वक्त सक्रिय है। भाजपा राम नाम का अरसे से लाभ ले रही है। भगवान राम का आचरण ,विचार मर्यादित जीवन उसमे कितना उतरा है वह तो वही भलीभाँति जान सकती है। कुछ भी हो भाजपा राम को याद करती है। आज राम की दया भाजपा पर है। राम सबके है।राम करेन्ट है।उरजा रुप मे प्रकृति मे प्रवाहित है। भाजपा अयोध्या मे राम मन्दिर बनबाने की बात पर जीवित है। अयोध्या मे राममन्दिर -मसजिद विवाद को राजनैतिक तूल है।बात कुछ नहीं है।लेकिन जगह अतिसंवेदनशील है। विवाद न्याय मन्दिर के न्यायधीश के अनुभव मे है। देश के आमनागरिको से अपील है ,न्याय मन्दिर के न्यायाधीश से प्रार्थना करे। जिससे अयोध्या राम मन्दिर व मसजिद विवाद पर जल्द बात बन जाय। दास जगदीश सतगुरू दर्पण सम्पादक। जय जिन्दाराम
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