जौनपुर।आर्थिक विपन्नता की वजह से गरीब सूदखोरो की भेट चढ रहा है। गरीब वेचारा जीवन मे मुश्किल वक्त मे सूदखोर के पास जाता है। सूतही पैसा बाटने बाला गरीब को पैसा तो देता है।लेकिन मनमाना ब्याज लेता है। दस रुपया सैकड़ा,बीस रुपया सैकड़ा तक सूदखोर ब्याज बसूल रहे है। मुसीबत का मारा गरीब वेचारा जीवन की गाड़ी आगे बढाने,बीमारी,बच्चे की पढाई के लिए सूद पर पैसा लेता है। यह ब्यवसाय करने वाले दबंग टाइप के लोग होते है। खास बात है कि बसूली के लिए ये सूदखोर गुरगे पाल कर रखते है।पैसा न देने की स्थित मे गरीब को तरह तरह की यातना देते है। धमकाते है।गरियाते है। गरीब खेत बेचकर सूद समेत पैसा लौटाता है। कितने गरीब तो सूद का पैसा न दे पाने की स्थित मे घर छोडकर शहरो को पलायन कर जाते है। सूदखोर गरीब को खोजता फिरता शहर तक पहुंच जाता है। इस समय यह धन्धा गावो,शहरो मे खूब फल फूल रहा है।बहुत पहले की बात है एक बार जौनपुर की एस पी एक महिला शचि घिडियाल आयी हुई थी। उन्होनें सूदखोरी को गम्भीर अपराध मानते हुए जिले मे सघन अभियान चलाकर सूदखोरो के नाक मे दम कर दी थी। यह अभियान उनका उस समय खासे चर्चा मे था। उस समय सूदखोर बिल मे घुस गये थे।वर्तमान समय मे सूदखोरो का आतंक है। जरुरत है इन्हें चिन्हित कर सरकार इनके खिलाफ कार्यवाही करे। गरीब डर की वजह से पुलिस मे इनकी शिकायत भी नहीं कर सकता।जे डी सिंह
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