मडियाहू।जौनपुर।संसार की अपनी गति है। लोगो का आना -जाना लगा है। अच्छी सीख देने वाला भी गुरु है। हर व्यक्ति की अपनी अपनी विचारधारा है।आस्थावान सभी है। प्रथम गुरु माता-पिता है। जो जीवन मे चलना,बोलना,उठना बैठना सीखाते है। दूसरा गुरु शिक्षक है,जो विषयो का ज्ञान कराते है। ऐसे राह चलते तमाम गुरु मिल जाते है,जो जीवन मे सुगमता लाने के लिये ,अच्छी नसीहते देते है। सबसे महान गुरु वह होता है। जो भगवत पथ पर ले चलने की प्ररेणा दे रहा है। गुरु की महिमा का वर्णन करते हुये भाजपा युवा नेता विनोद सेठ ने कहां कि गुरु की महिमा की शीतल छाव मे शिष्य पुष्पित होता है। आत्मा का जुड़ाव परमात्मा से होता है। गुरु भगवान से बडा है। गुरु जीवन के अन्धेरे को मिटाकर उजाले की ओर ले जाता है। ऐसा दिव्य प्रकाश जिसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। अनूभूति की जा सकती है। गुरु संसार के बन्धन से छुटकारा दिलाता है। मोक्ष तभी मिलता है।जब गुरु कृपा होती है, भगवत पथ पर ले जाने वाले गुरु को शत् शत् नमन है। जे डी सिंह
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