जौनपुर। भारत देश शांति का पक्षधर है। वह सदैव विश्व मे शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना करता है। इस महान देश मे सभी धर्मगुरु लोगो मे शांति, बाटते है। जीवन मे शांति अहम है। यहाँ के मन्दिरो ,गिरजाघरो,मसजिदो,गुरुद्वारो मे ईश्वर ,अल्लाह ,गाड,वाहेगुरु से विनती होती है।प्रार्थना होता है।विश्व का कल्याण हो,प्राणियो मे सद्भावना हो,विश्व मे शांति हो। भारत मे बहुत युद्ध हुआ है। राम -रावण युद्ध ,महाभारत का युद्ध ,अंग्रेजो से युद्ध ,मुगलो से युद्ध ,पाकिस्तान और चीन ने भी भारत से युद्ध करके देख लिया है कि भारत की हैसियत क्या है।भारतीय सेना ने इनको इनकी औकात बखूबी बता दिया है। चीन वेवजह ललकार कर रहा है। भारत कोई भी निर्णय लेने के पहले गम्भीर चिन्तन करता है।मिजाज बन गया तो चीन दुनिया से नेस्तनाबूत हो जायेगा। जिस सेना पर उसे नाज है सबकी सासे हमेशा के लिये थम जायेगी।मानसरोवर पर्वत पर भगवान शंकर विराजमान है। चीन की हर हरकत को देख रहे है।ईश्वरीय कृपा से यह देश सही सलामत है।मिटाने का डिगाने का बहुत प्रयास हुआ। लेकिन भारत सनातन बना हुआ है। भारत की विश्व मे बढ रही साख से चीन बौखला गया है।उसका मित्र देश पाकिस्तान विश्व समुदाय के सामने बुरी तरह से पीटता जा रहा है।चीनी मीडिया की सोच तुच्छ है।वह खून खराबा चाहता है। युद्ध चाहता है। शायद उसे आत्मन् मनन,चिन्तन का बोध नहीं है।राष्ट्र भक्ति जरुरी है।किन्तु विश्व की चिन्ता होनी चाहिये।माना युद्ध हुआ तो दोनों देश की बरबादी होगी। आत्माये पीड़ा मे देह का त्याग करेगी। धरती यहीं रह जायेगी। जिसको लेकर युद्ध होने की बात कहीं जा रही है। चीन की गीदड भभकी का मूल आशय यहीं है,हम किसी से कम नहीं है।हमारी सेना को कोई डिगा नहीं सकता है। भारत मे एक देशी कहावत है जो बादल गरजता है वह बरसता नहीं है। चीन भारत से प्रेम करता है। इसलिये दबाव बना रहा है। ताकि दोनो देशो का तालमेल अच्छा बन सके। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत का स्वाभिमान इतना उठा दिये है कि पड़ोसी चीन डर गया है और भारत को देख लेने की धमकी दे रहा है।चीन आखिर चाहता क्या भारत से दोस्ती या दुश्मनी। जे डी सिह
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