पटना।उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले मे स्थित परमहंस आश्रम नवहानीपुर कपसेटी के संत मुखिया बाबा का २१जुलाई २०१७ को देहावसान हो गया।२२जुलाई को आश्रम परिसर मे समाधि दी गयी। साधु,सन्तो,महात्मो,भक्तो
ने अपने संत का अन्तिम दर्शन कर शरीर को पंचभूत तत्व को समर्पित कर दिये और समाधि स्थलपर आस्था रुपी शीश नवाकर सादर वन्दगीय कर अपनी जीवन कुटिया मे लौट परम पूज्य राष्ट्र संत स्वामी अडगडानंद महाराज श्री परमहंस आश्रम शक्तेषगढ ,चुनार को भजने लगे। मुखिया बाबा बिहार प्रदेश के भागलपुर के रहने वाले थे। मुखिया होने के नाते आपके पूज्य गुरु स्वामी अडगडानंद महाराज जी ने नामदान मे इनका नाम मुखिया रख दिया।धीरे धीरे इसी नाम से प्रसिद्धी हुई। मुखिया बाबा विहार से हरिद्वार जाने के लिये निकले लेकिन सतगुरु को कुछ और ही मंजूर था। आप पहुँच गये जगतान्नद आश्रम कछवा। उस समय पूज्य गुरु महाराज इसी स्थान पर तपस्या मे थे।मुखिया बाबा जब यहाँ पहुँचे तो गुरु महाराज का दर्शन कर अभिभूत हो गये और हरिद्वार जाने की इच्छा को त्याग कर स्वामी अड़गडानंद महाराज को अपना गुरू बना लिये और हरि दर्शन नित्य प्राप्त कर भक्ति के सोपानपर चढने लगे। गुरु महाराज की कृपा कह लीजिऐ इस वीच नवहानीपुर से भक्त लोग आये थे। भक्त जन महाराज जी से कहने लगे। गांव मे रामजानकी का मंदिर है।जीर्ण -शीर्ण है कोई पूजारी नहीं है।मन्दिर उपेक्षित है। महाराज जी ने भक्तो के विचार का सम्मान करते हुये मुखिया बाबा को नवहानीपुर भेज दिये। मुखिया बाबा ने गुरू कृपा से भक्ति शुरु की। साधना बढ़ता गया। प्रकाश फैलता गया धीरे धीरे नवहानीपुर तीर्थ रुप मे विकसित हो गया। सात अगष्त को परमहंस आश्रम नवहानीपुर मे मुखिया बाबा के याद मे श्रद्धांजलि समारोह के साथ भगवत चर्चा और भव्य भन्डारे का आयोजन किया गया है।जिसमे देश-विदेश के साधु,संत महात्मा ,भक्तो के जमावड़ा होने की आशंका है। परमहंस आश्रम बख्तियारपुर पटना मे संत स्वामी श्री श्रद्धानंद की अध्यक्षता मे शोकसभा का आयोजन किया गया। जिसमें दो मिनट का मौन रखकर मृतक आत्मा की शान्ति के लिये ईश्वर से प्रार्थना किया गया। श्रद्धा बाबा ने कहाँ कि गुरु महाराज की कृपा से मुखिया बाबा की यश और कीर्ति सदैव अमर रहेगी। उन्होनें कहाँ कि नवहानीपुर आश्रम मे काफी समय तक मुखिया बाबा का सेवा करने का अवसर मिला। सातअगष्त को बख्तियारपुर पटना आश्रम मे भी मुखिया बाबा के याद मे श्रद्धांजलि समारोह और भगवत चर्चा के साथ भन्डारे का आयोजन किया गया है। जो जिसका है उसी से मिलेगा।मुखिया बाबा स्वामी जी के थे।इसलिए हरिद्वार न पहुँच कर हरि के द्वार पहुँच गये। शोक सभा मे डा . सुवोध सिह , विष्णु सहित तमाम भक्तगण उपस्थित रहे। जे डी सिंह सिंह सतगुरु धाम वर्राह जौनपुर
Friday, 28 July 2017
मुखिया बाबा हरिद्वार तो नहीं लेकिन हरि के द्वार पहुँच गये
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Tarun yadav nalanda jila tharthari
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