जौनपुर। जौनपुर पत्रकार संघ का चौदहवा स्थापना दिवस शहर के उत्सव मोटल मे मनाया गया। जिले के उन छ शहीदो के माता-पिता को संघ ने सम्मानित किया जो देश खातिर अपने प्राणो की आहूति दिये है।संघ के इस कार्य की प्रशन्सा है। विषय -लोकतन्त्र मे पत्रकार की सुरक्षा एवं चुनौती विषय पर दिल्ली के पत्रकार शेष नारायण सिंह ने कहाँ पहले यह समझने की कोशिश करे कि क्या हम पत्रकारिता धर्म निभा रहे है। खबर की पवित्रता व विश्वसनीयता पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। उन्होनें उपस्थित लोगो को सम्वोधित करते हुए कहां कि खबर यह नहीं है कि कृपा शंकर फला सन मे इंटर पास किये।खबर यह है कि कृपाशंकर सिंह अभी गिरते गिरते वाल वाल वचे। उन्होनें रामायण का किष्किन्धाकाण्ड पठने की पत्रकारो को नसीहत दी। जिसमें भगवान राम की नीति मिलेगी। जो पत्रकारो की सुरक्षा और चुनौती से लड़ने मे कारगर साबित होगा।लखनउ के पत्रकार योगेश मिश्र ने कहां कि शहीद के परिजनो का सम्मान कर जौनपुर पत्रकार संघ ने नेक कार्य किया। कहाँ कि हमे उन पत्रकारो को याद करना चाहिए जो सच्चाई के खुलासे के लिये कलम चलाते रहे और उनकी हत्या कर दी गयी। हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के रामचन्द्र छत्रपति सहित कई पत्रकारो के उन्होनें नाम गिनाये। उन्होनें कहां कि पत्रकारो पर हमले बढे है।जो चिन्ता का विषय है। वाराणसी और पंचकूला मे पत्रकारो पर हुए हमले की चर्चा की। कहाँ कि राम रहीम के समर्थको ने मीडिया की गाड़ी को जला दिये। उन्होनें कहाँ कि केन्द्र सरकार और राज्य की सरकारो को पत्रकारो की सुरक्षा का विशेष ध्यान देना चाहिए। गोष्ठी को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश यादव, कृपाशंकर सिंह, पूर्व गृहराज्य मंत्री महाराष्ट्र, विद्या सागर सोनकर भाजपा प्रदेश महामंत्री, जफराबाद विधायक हरेन्द्र प्रसाद सिंह ने सम्वोधित किया। जौनपुर पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह ने स्वागत भाषण मे शहीदो के परिजनो को नमन करते हुए आगन्तुको का भव्य स्वागत किये। उन्होनें कहां कि पत्रकारो के सुरक्षा की गारन्टी कोई भी सरकार नहीं लेती। बडे अखबारो और चैनलो पर निशाना साधते हुए बोले कि जब पत्रकारो पर हमला होता है तो ये बडे संस्थान खबरो को कम तरजीह देते है। जो चिन्तनीय है। कार्यक्रम का संचालन डा.मधुकर तिवारी ने किया। जौनपुर पत्रकार संघ की स्थापना क्यों हुई इस पर एक नजर। सन् २००३,मे प्रदेश मे वसपा की सरकार थी। मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थी। उस समय शैलेन्द्र उर्फ़ ललई यादव बसपा के खुटहन से विधायक थे। सोधी ब्लाक मे ब्लाक प्रमुखी का अविश्वास प्रस्ताव था। खबर कबरेज करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग गये थे। जिसमें सहारा टीवी चैनल के रिपोर्टर हसनैन कमर दीपू का कैमरा ललई यादव ने तोड़ दिया और पत्रकारो के साथ बदसलूकी की। यह वाक्या जैसा कि बताया जाता है कि १८अगसत सन २००३की है। यह खबर जैसे ही जिलामुख्यालय पर पहुंची सभी पत्रकार एकजुट हो गये और विधायक के खिलाफ लामबन्द हो गये। मोर्चा खुल गया कलम का वार धाय-धाय होने लगा। सरकार की चूल्ह हिली। समझौता की बात आयी। २२ अगसथ को डाक बंगले मे मुख्यालय के पत्रकार उपस्थित हुए और विधायक आये पत्रकारो से सामूहिक माफी मागे और सहारा रिपोर्टर को नया कैमरा खरीद कर दिये। यहीं से संघ बनाने की चर्चा हुई। अन्त मे सर्वसम्मति से निर्णय हुआ और जौनपुर पत्रकार संघ का गठन हुआ। पहले प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग एकजुट थे।पत्रकारिता दिवस व स्थापना दिवस साथ मे मनाते थे। इधर लगभग दो वर्ष से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने अपना अलग संगठन बना लिया। संघे शक्ति। एकजुटता मे ताकत होती है।यदि सभी पत्रकार एकजुट होकर पत्रकारिता मिशन को आगे बढायेगे तो लोकतन्त्र मे उनकी अहिमीयत बनी रहेगी। सुरक्षा भी होगा और चुनौतियो से मुकाबला का जज्बा बना रहेगा। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से राजेन्द्र सिंह ,विनोद तिवारी,शतीश सिंह, रमेश मिश्र विधायक शाहगंज, वीरेन्द्र पाण्डेय, लोलारख दूबे, कपिल देव ,मारकन्डे मिश्र शशि मोहन क्षेम ,प्रमोद जायसवाल,शशिराज सिन्हा,शम्भू सिंह सोलंकी,केदार सिंह, भाजपा नेता सरदार सिंह,किरन श्रीवासतव,संजय सेठ,सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती के चित्र पर माल्यारपण व दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात स्कूली वच्चो ने स्वागत गीत प्रस्तुत किये। फिर शहीदो के माता पिता का सम्मान हुआ। जे डी सिंह
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