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Saturday, 18 November 2017

आखिर भाजपा प्रत्याशी किरन श्रीवास्तव को लेकर विरोधी इतना परेशान क्यों हैं,कहीं चुनाव मे उनकी मजबूती तो नहीं

जौनपुर।निकाय चुनाव शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो। मत का दान लोग घरों से निकलकर अपने चाहने वाले प्रत्याशीओ को करे। सबकी अपनी मरजी हैं।किसी भी प्रत्याशी के खिलाफ सोशल मीडिया मे आपत्तिजनक पोस्ट करना निन्दनीय हैं। चाहे वह जिस राजनैतिक दल का प्रत्याशी हो।जरा सोचे, जौनपुर शहर की एक गरिमा हैं।उसको बचाना, बनाना शहर के हर नागरिकों का नैतिक कर्तव्य हैं।फेसबुक, वाट्सएप पर अच्छी बातें, अच्छी सोच पोस्ट करने की आदत डाले। जिससें एक अच्छा संदेश दूर तक पहुंचेऔर जौनपुर की लोग प्रशन्सा करे। गलत चीज पोस्ट करने पर शहर की बदनामी होगी। यह धरती गुण और दोष की हैं।लोकतंत्र मे सबको चुनाव लडने और मतदान करने का  अधिकार हैं।नगरपालिका परिषद की सीट पर जनता जिसे चुनेगी वह आसीन होगा ।   किरन श्रीवास्तव भाजपा की नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद की उम्मीदवार हैं। इस चुनावी माहौल मे कुछ विरोधियों ने उनका विरोध कर उन्हें  मजबूत बना दिया हैं। विरोध की वजह से भाजपा ने टिकट दिया। विरोध हीं कहीं मंजिल तक पहुंचा न दे। हम बात करते है बसपा प्रत्याशी माया टन्डन की। जो दिनेश टन्डन की पत्नी हैं। दिनेश टन्डन भले इन्सान हैं। नगरपालिका परिषद के कई बार चैयरमैन रहे। इस समय महिला सीट होने की वजह से उनकी पत्नी चुनाव लड रहीं है। चुनावी माहौल उनका अच्छा हैं। सपा प्रत्याशी पूनम मौर्या हैं। पार्टी की परम्परागत वोट हैं। जिससें उनकी मजबूती हैं। काग्रेस की उम्मीदवार चित्रलेखा सिंह हैं। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरे दम खम के साथ चुनाव मैदान मे डटे हैं। चुनाव  अपने पक्ष मे करने के लिए।खैर यह चुनाव हैं। नतीजा किसी के पक्ष मे जा सकता हैं।लेकिन जिसका बहुत विरोध होता  हैं ,वह बहुत मजबूत हो जाता हैं।जे डी सिंह

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