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Wednesday, 6 December 2017

लोकसभा चुनाव मे भाजपा की जीत आसान नहीं, सपा,बसपा मात देने मे नहीं रहेगीं पीछे

जौनपुर। जनपद मे  भारतीय जनता पार्टी की स्थिति बहुत ठीक नहीं हैं।नगर निकाय चुनाव से यह साफ हो गया कि पार्टी के अन्दर सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा हैं। महज दो नगरपालिका परिषद सीट पर जीत हुई। जहां भाजपा के विधायक नहीं हैं। वहां  जीत हो रहीं हैं। जहां विधायक हैं  वहां भाजपा हार रही हैं।जफराबाद विधायक हरेन्द्र प्रसाद सिह हैं।नगर पंचायत चुनाव मे  भाजपा प्रत्याशी  मनोरमा को महज 547 मत मिले। मडियाहू नगरपंचायत से भाजपा से विनोद सेठ  चुनाव लडे। निर्दल प्रत्याशी रुकसाना ने उन्हें मात देते हुए जीत अपने नाम की। सेठ को हारने की समीक्षा यदि भाजपा करेगी तो यह बात उसके सामने आ सकती हैं,अपने लोगों ने ही भाजपा को हराया।मडियाहू विधायक डा.लीना तिवारी की चुनाव मे सक्रियता देखी गयीं। भाजपा दूसरे स्थान पर रहीं।दरअसल भाजपा को हराने के लिए नगर मे उसके ही कुछ लोग  सक्रिय हैं।पिछले चुनाव मे भी भाजपा का विरोध कर ये लोग अपना चैयरमैन बनाने मे सफल रहे। इस बार भी वहीं दाव था। लेकिन उन्हें सफलता तो नहीं मिली। लेकिन भाजपा के हार का कारण बने। यानी कि चित्त भी अपना, पट्ट भी अपना। जौनपुर नगरपालिका सीट पर बसपा की माया टन्डन की जीत हुई। भाजपा की  किरन श्रीवास्तव की हार हुई। सपा की पूनम मौर्य दूसरे स्थान पर रहीं।भाजपा तीसरे स्थान पर रहीं। निकाय चुनाव मे यहां जातीय समीकरण हावी रहा हैं। आपसी गुटबाजी से भाजपा चुनाव हार गई। बदलापुर मे भाजपा विधायक रमेश मिश्रा हैं।यहां भाजपा हार गई।सपा की अमरदेई चुनाव जीत गयी। केराकत मे भाजपा विधायक हैं।भाजपा यहाँ भी चुनाव हार गई।निर्दल प्रत्याशी विजय गुप्ता चुनाव जीत गये। मछलीशहर मे भाजपा हार गयीं। शाहगंज मे भाजपा जीत गयीं। गीता जायसवाल विजयी हुई।मुगराबादशाहपुर मे भाजपा जीत गयी। जबकि शाहगंज मे सपा के विधायक हैं।मुगराबादशाहपुर मे बसपा की विधायक हैं।हार जीत का समीकरण जान, चुनाव लडने वाले सभी प्रत्याशी अपने काम मे जुट गये हैं। जीते हुए प्रत्याशी सरकार बनाने का ताना बाना बुन रहे हैं। भाजपा निकाय चुनाव मजबूती से लडी।नतीजा रहा प्रदेश मे भगवा का परचम लहरा।हम जौनपुर की बात करें तो भाजपा की  यहां बेहद खराब स्थिति देखने को मिली। भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील उपाध्याय के नेतृत्व मे चुनाव लडा गया। लोकसभा, विधानसभा चुनाव मे भी इन्हीं का नेतृत्व था। भाजपा बंम बंम रहीं।निकाय चुनाव मे खराब प्रदर्शन यह संकेत दे रहा हैं,आने वाले लोकसभा चुनाव मे भाजपा की जीत कठिन होगी।इस चुनाव मे भाजपा का परम्परागत वोट बिखर गया।सान्सद रामचरित्र निषाद, के पी सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार मे राज्य मंत्री गिरीश यादव के साख पर भी बट्टा लगा हैं।  इतना जरूर हैं कि जिलाध्यक्ष की नेतृत्व क्षमता कमजोर हुई हैं। क्योंकि भाजपा उन्हीं के अगुवाई मे चुनाव लडी हैं। लोकसभा चुनाव मे  सपा,बसपा ,भाजपा को घेरने मे पीछे नहीं रहेगी। जिले मे सपा ने तीन नगरपंचायत की सीट जीतकर भाजपा को ललकारा हैं। बसपा ने शहर की सीट जीतकर भाजपा को चुनौती दी हैं। ऐसा लगता हैं, भाजपा के सान्सद ,विधायक, मंत्री जनता से जुड नहीं पा रहें हैं।कहीं न कहीं उनमे गुमान दिख रहा हैं।वजह साफ हैं। भाजपा की करारी हार है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार भाजपा मे आगे की सोच को लेकर मन्थन चल रहा हैं। हार के कारणों पर चर्चा शुरु है। बदलाव हो सकते हैं। जे डी सिंह

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