शक्तेषगढ।मिर्जापुर।सात दिसम्बर को सायंकाल मे आश्रम परिसर मे नियमित चलने वाले सतसंग मे श्रद्धालु भक्तों को सम्वोधित करते हुए लाले महाराज ने कहां कि धर्मशास्त्र को हृदयंगम करके ही ईश्वर पथ पर चला जा सकता हैं।कहां कि यथार्थ गीता के पदचिन्हों पर चलकर के ही भगवान की भगवत्ता को हम लोग समझ सकते हैं।ईश्वर की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।इसलिए सबको यथार्थ गीता का पठन पाठन करना चाहिए।जे डी सिंह
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
#_महाराज_जी_के_चरणों_मे_सत्_सत्_बार_नमन
ReplyDelete