दिल्ली।रुहानी आश्रम के पूज्य संत बहादुर चन्द वकील साहिब ने कहां कि सतगुरु साथ मे हैं।जानने की कोशिश किया जाना चाहिए।संत के बताये हुए नाम के सिमरन से हृदय मे सतगुरु को प्रकट किया जा सकता हैं। सत्य जब जग जाता हैं तो अलग नहीं होता हैं। जिस दिन दुनिया का हर व्यक्ति यह जान जायेगा कि घट के भीतर सतगुरु का वाश हैं। जिसे जानने और सिमरन के माध्यम से हृदय मे प्रकट करने की जरुरत हैं।घट भीतर अमृत बरष रहा हैं।कीर्तन हो रहा हैं।ज्योति जल रहीं हैं। अन्तरमुखी होकर अपने अन्दर झाको। सब कुछ दिखने लगेगा। रोज पलथी मारकर सुबह शाम संत के बताए हुए नाम का सिमरन करो।बात बन जायेगी।आत्मा परमात्मा से मिल जायेगी।सारा दुख दूर हो जायेगा।पूज्य महाराज ने कहां कि ज्ञान अन्दर से आया हैं। गुरु का शब्द अमृत हैं।मालिक को हृदय मे प्रकट करना मुश्किल है।जिसे लगन लग गयीं।वह प्रकट कर सकता हैं। जो बाहर भटक रहा हैं, अपना अमूल्य समय बर्बाद कर रहा हैं। कबीर साहिब ने लिखा हैं अबधू अन्धाधुन्ध अधियारा कोई जानेगा जाननहारा, या घट भीतर.सूरज चन्दा याही मे नव लख तारा.या घट भीतर बाग बगीचा याहीं मे सीचन हारा,सब कुछ इन्सान के अन्दर मे हैं। लेकिन वह खुद को जानने की कोशिश नहीं कर रहा हैं। लोगों मे अंहकार चरम पर हैं।जबसे यह खत्म नहीं होगा।मालिक की कृपा नहीं मिलेगी। विश्व के लोग अंहकार रुपी परमाणु बंम,अणु बंम के ढेर पर हैं। राम नाम का धन साथ जायेगा, बाकी सब यहीं रह जायेगा।साईन्स की तरक्की हैं। लोगों मे छटपटाहट हैं।चिन्ता हैं।बैमनस्य हैं। एक दूसरे की लोग निन्दा कर रहे हैं।चुगली कर रहे हैं।आपस मे ईष्या रख रहे हैं।शान्ति नहीं हैं। सिमरन करने से शान्ति मिलेगी। अंहकार समाप्त होगा।आत्मा परमात्मा से मिल जायेगी। फिर किस बात की चिन्ता सब काम.अपने आप होने लगेगा।धन ,पद,सोहरत,मान बडाई मे लोग उलझे हैं। दुनिया के लोग गफलत मे हैं। मनुष्य के लिए त्रिलोकी जेलखाना हैं। जिसमें जीव दुखी हैं।जीवन मरण के बन्धन से छुटकारा का मात्र एक. उपाय हैं।सतगुरु नाम का सिमरन।साभार वकील साहिब के तीन सितंबर 2017 के संतसंग से। धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा, हाजर नाजर जिन्दाराम तेरा ही आसरा। जे डी सिंह
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment